ममता कुलकर्णी का महाकुंभ में विवादों के बीच वापसी, बागेश्वर बाबा को दी चेतावनी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2025 - 10:40 AM (IST)

नारी डेस्क: ममता कुलकर्णी की महाकुंभ में वापसी हिंदी सिनेमा की चर्चित अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी इन दिनों महाकुंभ में अपनी उपस्थिति को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्हें किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी, लेकिन यह पदवी महज सात दिनों में ही उनसे छीन ली गई। इसके बावजूद, ममता कुलकर्णी एक बार फिर महाकुंभ में लौट आई हैं और इस बार उनका अंदाज काफी अलग नजर आया।

भस्म रमाकर नया स्वरूपमहाकुंभ में लौटने के बाद ममता कुलकर्णी की एक नई तस्वीर सामने आई, जिसमें उनका पूरा चेहरा भस्म से पुता हुआ दिख रहा था। उन्होंने भस्म का श्रृंगार कर अमृत स्नान किया। इस दौरान किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया।

विवादों से घिरी ममता कुलकर्णीममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर विरोध शुरू हो गया था। किन्नर अखाड़े के संस्थापक होने का दावा करने वाले ऋषि अजय दास, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री और योग गुरु बाबा रामदेव ने इस पर खुलकर आपत्ति जताई। विरोधियों का कहना था कि संतत्व और महामंडलेश्वर की उपाधि किसी को भी आसानी से नहीं दी जा सकती, इसके लिए वर्षों की साधना आवश्यक होती है।

बागेश्वर धाम पर ममता का पलटवारममता कुलकर्णी ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधते हुए कहा, "धीरेंद्र शास्त्री की उम्र जितनी है, उतनी मैंने तपस्या की है। वे अपने गुरु रामभद्राचार्य से पूछें कि मैं कौन हूं और फिर चुपचाप बैठ जाएं।"

उन्होंने बाबा रामदेव को भी चेतावनी देते हुए कहा, "बाबा रामदेव को महाकाल और महाकाली से डरना चाहिए। मैं उन्हें उनके ही ऊपर छोड़ती हूं।"

महामंडलेश्वर बनने का रहस्यममता कुलकर्णी ने बताया कि वह स्वयं महामंडलेश्वर नहीं बनना चाहती थीं, लेकिन आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस पद के लिए कोई धन नहीं दिया, बल्कि 2 लाख रुपये उधार लेकर अपने गुरु को भेंट किए थे।

महामंडलेश्वर पद से हटाने का विवादऋषि अजय दास ने दावा किया कि ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। उनका कहना था कि ममता पर देशद्रोह का आरोप है और ऐसे व्यक्ति को महामंडलेश्वर नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह कोई रियलिटी शो नहीं है, जिसे कुंभ के दौरान एक महीने के लिए चला दिया जाए।

इस पर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने पलटवार करते हुए कहा कि अजय दास को 2017 में ही अखाड़े से निकाल दिया गया था और अब वह निजी स्वार्थ के लिए ऐसे दावे कर रहे हैं। वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने भी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का समर्थन किया।

ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक24 जनवरी को संगम में स्नान करने के बाद ममता कुलकर्णी का पिंडदान कराया गया था। इसके बाद किन्नर अखाड़े में भव्य रूप से उनका पट्टाभिषेक किया गया और उन्हें 'श्रीयामाई ममता नंद गिरि' नाम दिया गया। सात दिनों तक वह महाकुंभ में रहीं, लेकिन विवादों के चलते उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा।

महाकुंभ में ममता कुलकर्णी की वापसी ने एक बार फिर चर्चा को जन्म दिया है। जहां एक ओर उन्हें संत समाज से विरोध झेलना पड़ा, वहीं दूसरी ओर उन्होंने भी अपने विरोधियों पर पलटवार किया है। यह विवाद आगे क्या मोड़ लेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
 
 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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