35 की उम्र के बाद महिलाओं की हड्डियां क्यों होती हैं कमजोर,जानें क्या है वजह

punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 09:42 AM (IST)

नारी डेस्क:  महिलाओं में 35 वर्ष की उम्र के बाद हड्डियों की कमजोरी एक आम स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। यह केवल बढ़ती उम्र का असर नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई हार्मोनल, पोषण संबंधी और जीवनशैली से जुड़ी वजहें होती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सही समय पर इस ओर ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है।

उम्र के साथ हड्डियों में क्यों आती है कमजोरी?

महिलाओं के शरीर में एक विशेष हार्मोन होता है जिसे एस्ट्रोजेन कहा जाता है। यह हार्मोन हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, खासकर 35 की उम्र पार करने के बाद, शरीर में एस्ट्रोजेन का स्तर धीरे-धीरे गिरने लगता है। इस हार्मोन की कमी से हड्डियों का घनत्व (Bone Density) घटता है, और उनमें से कैल्शियम निकलने लगता है। इसका सीधा असर यह होता है कि हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

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महिलाओं के लिए कैल्शियम और विटामिन D क्यों हैं ज़रूरी?

कैल्शियम और विटामिन D हड्डियों के निर्माण और उन्हें मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी दो सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं। कैल्शियम हड्डियों की संरचना को मजबूत करता है, जबकि विटामिन D शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। अगर किसी महिला के शरीर में इनकी कमी हो जाए, तो हड्डियां खोखली और कमजोर होने लगती हैं।

सही मात्रा में कैल्शियम और विटामिन D पाने के लिए महिलाओं को अपने आहार में दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम और तिल जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही, विटामिन D के लिए प्रतिदिन कम से कम 10 से 15 मिनट तक सुबह की धूप में रहना भी फायदेमंद होता है।

व्यायाम क्यों है हड्डियों के लिए जरूरी?

सिर्फ पोषण ही नहीं, बल्कि नियमित व्यायाम भी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। कई शोध बताते हैं कि हल्की-फुल्की वजन उठाने वाली एक्सरसाइज हड्डियों पर हल्का दबाव डालती है, जिससे वे और मजबूत बनती हैं। महिलाओं को रोजाना तेज़ चलने (ब्रिस्क वॉकिंग), योगा, सीढ़ियां चढ़ने और हल्की वेट ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज करनी चाहिए। ये न केवल हड्डियों की मजबूती बढ़ाती हैं, बल्कि मांसपेशियों की ताकत को भी बेहतर बनाती हैं, जिससे गिरने और चोट लगने का खतरा कम हो जाता है।

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जीवनशैली की कुछ आदतें भी हैं जिम्मेदार

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई महिलाएं ऐसी आदतें अपनाती हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इनमें सबसे पहले आता है धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन। ये दोनों आदतें हड्डियों के घनत्व को तेजी से घटाने का काम करती हैं। इसके अलावा, अत्यधिक कैफीन का सेवन (जैसे चाय और कॉफी) भी कैल्शियम के अवशोषण को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं इन आदतों से दूरी बनाएं और एक संतुलित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

नियमित जांच क्यों है जरूरी?

हड्डियों की कमजोरी को समय रहते पहचानना और उसका इलाज करना बहुत जरूरी है। इसके लिए 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं को हड्डियों का परीक्षण यानी Bone Density Test (DEXA Scan) कराना चाहिए। यह टेस्ट यह बताता है कि हड्डियों में कितना कैल्शियम बचा है और उनमें कमजोरी किस स्तर तक है। अगर किसी महिला के परिवार में पहले से ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों की बीमारियां रही हैं, तो उन्हें और भी अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। डॉक्टर की सलाह से समय पर कैल्शियम या विटामिन D सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।

हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के आसान उपाय

महिलाएं अपनी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए कुछ आसान उपाय अपना सकती हैं हर दिन संतुलित और पौष्टिक आहार लें, जिसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और विटामिन D हो। प्रतिदिन किसी न किसी रूप में शारीरिक गतिविधि जरूर करें। तनाव कम करने की कोशिश करें और भरपूर नींद लें। धूम्रपान और शराब जैसी आदतों से दूर रहें। समय-समय पर हड्डियों की जांच कराते रहें। हड्डियों की सेहत आपके हाथ में है

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35 की उम्र के बाद हड्डियों का कमजोर होना एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसका इलाज न हो सके। अगर महिलाएं समय रहते अपने खान-पान, व्यायाम और जीवनशैली पर ध्यान दें, तो वे न केवल इस समस्या से बच सकती हैं बल्कि आने वाले वर्षों में एक स्वस्थ, सक्रिय और आत्मनिर्भर जीवन भी जी सकती हैं।

इसलिए जरूरी है कि महिलाएं खुद को लेकर सजग हों, अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और हड्डियों की मजबूती को नज़रअंदाज़ न करें।  


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Content Editor

Priya Yadav

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