Navratri व्रत में सफेद की जगह क्यों खाया जाता है सेंधा नमक?

punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 05:51 PM (IST)

नारी डेस्क:  शारदीय नवरात्र 2025 का पावन पर्व 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान उपवास रखने वाले लोग अक्सर सामान्य सफेद नमक की जगह सेंधा नमक (Rock Salt) का इस्तेमाल करते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है? आइए जानते हैं सेंधा नमक और सफेद नमक में असली फर्क और उपवास में इसे चुनने का कारण।

सेंधा नमक क्या है?

सेंधा नमक प्राकृतिक खनिज है, जिसे पहाड़ों की खदानों से निकाला जाता है। इसे किसी तरह से ज्यादा प्रोसेस नहीं किया जाता, इसलिए इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे कई जरूरी खनिज सुरक्षित रहते हैं। इसका रंग हल्का गुलाबी या ग्रे होता है, इसलिए इसे पिंक सॉल्ट भी कहते हैं। आयुर्वेद में इसे बहुत शुद्ध माना गया है और यही वजह है कि उपवास के दौरान इसका सेवन खास तौर पर किया जाता है।

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सेंधा नमक और सफेद नमक में फर्क

सफेद नमक समुद्री पानी से तैयार किया जाता है। इसे शुद्ध करने की प्रक्रिया में इसके कई प्राकृतिक खनिज खत्म हो जाते हैं। बाद में इसमें आयोडीन मिलाया जाता है, जो थायरॉइड से बचाव के लिए जरूरी है। लेकिन इसमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे ज्यादा सेवन करने पर हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। वहीं, सेंधा नमक में प्राकृतिक खनिजों की भरमार होती है और सोडियम की मात्रा सफेद नमक से कम होती है, जिससे यह शरीर के लिए ज्यादा हल्का और पोषणदायक माना जाता है।

सेंधा नमक के फायदे

कम सोडियम हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में मदद करता है। खनिजों से भरपूर 80 से ज्यादा ट्रेस मिनरल्स मौजूद हैं, जो शरीर को ऊर्जा और पोषण देते हैं। पाचन में सहायक आयुर्वेद के अनुसार गैस, अपच और पाचन की समस्या को कम करता है। डिटॉक्सिफिकेशन शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालने में मदद करता है।

सेंधा नमक में आयोडीन की कमी

सेंधा नमक के फायदे होने के बावजूद इसमें आयोडीन बहुत कम होता है। आयोडीन थायरॉइड ग्रंथि के सही काम और मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी है। लंबे समय तक सिर्फ सेंधा नमक का सेवन करने से आयोडीन की कमी हो सकती है।

सही संतुलन कैसे रखें?

व्रत और उपवास में: सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।

सामान्य दिनचर्या में: रोजाना के भोजन में सफेद नमक लें, ताकि शरीर को पर्याप्त आयोडीन मिले।

संतुलित सेवन: दोनों नमकों का मिश्रित उपयोग सबसे बेहतर है।

ध्यान रखें, चाहे सेंधा नमक हो या सफेद नमक, अत्यधिक सेवन नुकसानदेह हो सकता है।

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 सेंधा नमक प्राकृतिक और खनिजों से भरपूर होने के कारण उपवास के समय सफेद नमक से बेहतर विकल्प है। लेकिन आयोडीन की कमी को देखते हुए इसे केवल नवरात्र या व्रत तक सीमित रखना और रोजमर्रा के भोजन में सफेद नमक का सेवन करना समझदारी होगी।  


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Content Editor

Priya Yadav

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