कोरोना से रिकवरी के बाद क्यों हो रही Joint और Back में दर्द?
punjabkesari.in Saturday, Jun 12, 2021 - 03:53 PM (IST)
देश में कोरोना के मामलों में कमी आने लगी है लेकिन कोविड-19 से ठीक होने के बाद भी मरीजों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल, कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों को जोड़ों व मांसपेशियों को असहनीय दर्द झेलना पड़ रहा है, जो वायरल या फ्लू इंफेक्शन के समय होने वाले दर्द की तरह है।
क्यों हो रही Joint और Back में दर्द?
दरअसल, जब हम स्वस्थ होते हैं तो नियमित रूप से चलते-फिरते हैं लेकिन कोरोना के कारण लोगों की फिजिकल एक्टिविटी में कमी आई है। वहीं, कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोग कम सक्रिय हो गए हैं, जिसके कारण उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कंधों में दर्द की भी हो रही समस्या
डॉ. बताते हैं कि कोरोना से रिकवरी के बाद कुछ लोगों को कंधे व हाथों में भी गंभीर दर्द की समस्या हो रही है। अधिक समय तक हॉस्पिटल में रहने के बाद उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
किन लोगों को अधिक समस्या?
जो लोग पहले से ही अर्थराइटिस , गठिया, मांसपेशियों में चोट या हड्डियों की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें यह दिक्कत ज्यादा हो रही है। कई लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना में कंधे व पीठ की समस्या से परेशान उन्हें भी रिकवरी के बाद यह दिक्कत आ रही है।
क्या पेन किलर खाना सही
आप डॉक्टर की सलाह लेकर पेन किलर खा सकते हैं। इसके अलावा जोड़ों व मांसपेशियों के दर्द से राहत पाने के लिए आप मसाज, तेल या कोई क्रीम भी लगा सकते हैं।
क्या करें?
. कोरोना के बाद डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट सलाह लिए बिना कोई भी एक्सरसाइज, योग या व्यायाम ना करें।
. सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो थोड़ा आराम करें। साथ ही अपनी शरीरिक गतिविधियों को संतुलित रखें।
. स्ट्रेचिंग करते हुए जोड़ों को दिन में 4-5 बार घुमाने की कोशिश करें।
. धीरे-धीरे सीढियां चढ़ें और उतरें क्योंकि यह भी एक तरह की एक्सरसाइज है।
. गार्डनिंग, साइकलिंग जैसी फिजिकल एक्टिविटी करते रहें। इससे भी आराम मिलेगा।
. लगातार बैठे रहने से भी दर्द बढ़ सकता है इसलिए अपनी पोजिशन को सही रखें। ज्यादा देर तक ना बैठें और थोड़ी- थोड़ी देर टहलते रहें।
क्या जीपी सर्जरी की जरूरत है?
अगर हाथों-पैरों में दर्द, कमजोरी और सुन्नपन कम ना हो तो आप जीपी सर्जरी करवा सकते हैं लेकिन इसकी जरूरत तभी पड़ती है जब
. कोरोना रिकवरी के 3 महीने बाद भी जोड़ व मांसपेशियों में असहनीय दर्द
. थकान व सांस फूलना
. पैरों में कमजोरी
. संतुलन ना बना पाने की समस्या हो।