क्यों 6 साल से छोटे बच्चों को नहीं देना चाहिए खांसी की दवा,आखिर क्या है वजह?
punjabkesari.in Sunday, Oct 12, 2025 - 02:43 PM (IST)
नारी डेस्क: अधिकतर पैरेंट्स सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को सिरप पिलाना शुरू कर देते हैं, लेकिन 5-6 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं पिलाने चाहिए. सभी देशों में इसके लिए सख्त गाइडलाइंस बनाई गई हैं। किस उम्र तक बच्चों को नहीं पिलाने चाहिए कफ सिरप? UK और US में भी हैं सख्त नियम जानिए आखिर क्या है वजह
बच्चों में कफ सिरप को लेकर बढ़ी चिंता
पिछले कुछ दिनों में राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से करीब 20 बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिला दिया है। इन घटनाओं के बाद भारत सरकार ने सभी राज्यों को चेताया है कि छोटे बच्चों को सर्दी-खांसी की दवाएं बहुत सावधानी से दी जाएं। दरअसल, भारत समेत कई देशों के विशेषज्ञों का कहना है कि 5 से 6 साल की उम्र तक के बच्चों को कफ सिरप देने की कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि इस उम्र में सर्दी और खांसी अपने आप ठीक हो जाती है। फिर भी बहुत से पैरेंट्स बिना डॉक्टर की सलाह के दवा देना शुरू कर देते हैं, जो कई बार बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक साबित होता है।
दो साल से कम उम्र के बच्चों को ना दे सर्दी-खांसी की कॉम्बिनेशन कफ सिरप - स्वास्थ्य मंत्रालय
— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) October 4, 2025
अब सवाल है की कौन सी दवा दे ? क्या करे 👇🏽https://t.co/elLUfVFcux pic.twitter.com/22Zq8KP4jV
क्या बच्चों को सच में कफ सिरप देना जरूरी है?
यह सबसे बड़ा सवाल है जो हर पैरेंट के मन में आता है। US फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) का कहना है कि कफ सिरप से बच्चों को राहत तो मिलती है, लेकिन यह राहत अस्थायी होती है और अक्सर इसका वैज्ञानिक आधार नहीं होता। UK की मेडिकल एजेंसी ने भी साफ किया है कि अब तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि कफ सिरप बच्चों की खांसी या सर्दी को जल्दी ठीक करता है। भारत की इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिशियन (IAP) के अनुसार, बच्चों में सर्दी-खांसी के अधिकतर केस “Self-limiting” होते हैं, यानि यह कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाते हैं। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि कफ सिरप की जगह घरेलू उपाय और डॉक्टर की सलाह ज्यादा कारगर और सुरक्षित हैं।
दुनिया भर में क्या हैं गाइडलाइंस?
UK में सख्त नियम
UK की हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि 6 साल से कम उम्र के बच्चों को “ओवर-द-काउंटर” कफ सिरप बिल्कुल नहीं देना चाहिए। यहां इन दवाओं को केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही दिया जा सकता है। कारण यह है कि इस उम्र के बच्चों की शरीर की क्षमता दवा को पचाने और एक्सक्रीट करने की नहीं होती, जिससे शरीर में ज़हर जैसा असर हो सकता है।
#Watch केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ खांसी की दवाओं की गुणवत्ता और उचित उपयोग पर उच्च स्तरीय बैठक की
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) October 5, 2025
मुख्य बिंदु:
सभी दवा निर्माताओं से Revised Schedule M का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश
गैर-अनुपालन करने वाली इकाइयों के लाइसेंस रद्द… pic.twitter.com/00xJ2d3h5P
अमेरिका में दो साल से कम उम्र पर रोक
अमेरिका में सरकारी एजेंसियों ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने पर सख्त पाबंदी लगाई है। वहां दवा निर्माता कंपनियों को भी यह चेतावनी अपने लेबल पर लिखनी होती है कि “चार साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा न दें।”
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी
भारत में भी यही नियम लागू हैं। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिशियन (IAP) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि दो साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए। यहां तक कि पांच साल तक के बच्चों में भी इसका उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।
हाल ही में केरल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है
अब 12 साल से कम उम्र के बच्चों की कोई भी दवा डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं मिलेगी। यह बच्चों की सुरक्षा के लिए एक अहम फैसला माना जा रहा है।
छोटे बच्चों को कफ सिरप क्यों नहीं देना चाहिए?
कफ सिरप में कई तरह के रासायनिक तत्व (chemical compounds) होते हैं जो बच्चों के शरीर पर गहरा असर डाल सकते हैं। खासकर डीकंजेस्टेंट, एंटीहिस्टामिन और कोडीन जैसे तत्व छोटे बच्चों के लिए नुकसानदेह हैं। छोटे बच्चों का लिवर और किडनी पूरी तरह विकसित नहीं होते, जिससे दवा शरीर में जमा हो सकती है। कफ सिरप के कारण नींद, सुस्ती या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। गलत डोज या बार-बार देने से लिवर डैमेज और बेहोशी जैसी स्थिति भी बन सकती है। कई बार बच्चों की सर्दी या खांसी का असली कारण वायरल इंफेक्शन होता है, जिस पर दवा का असर नहीं होता। ऐसे में दवा देना अनावश्यक और जोखिमभरा है।
▪️हाल ही में राजस्थान के सीकर, जयपुर, झुंझुनू, भरतपुर और बांसवाड़ा जिलों में खांसी की दवा पीने से दो बच्चों की मौत हो गई थी
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) October 2, 2025
▪️कुछ बच्चे और एक डॉक्टर गंभीर रूप से बीमार भी पड़े, किडनी तक फेल होने की खबर थी
▪️अब पता चला है कि केयसंस फार्मा कंपनी का कफ सिरप ‘डेक्स्ट्रोमेथोर्फन… pic.twitter.com/dJHOLUz40k
बच्चे को खांसी हो तो क्या करें? (घरेलू उपाय)
अगर बच्चा बहुत छोटा है, तो पहले घरेलू और सुरक्षित उपाय अपनाएं। UK की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के अनुसार अगर बच्चा 1 साल से बड़ा है, तो रात को सोने से पहले उसे आधा या एक चम्मच शहद दिया जा सकता है। यह गले को शांत करता है और खांसी कम करता है। लेकिन 12 महीने से छोटे बच्चे को शहद कभी नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
बच्चे को भाप (steam inhalation) दिलाएं पर ध्यान रहे कि दूरी बनाए रखें।
सलाइन नेजल ड्रॉप से बंद नाक खोली जा सकती है। अगर बुखार है, तो डॉक्टर की सलाह पर पैरासिटामोल सिरप दिया जा सकता है। अगर खांसी तीन हफ्ते से ज्यादा चले, या बच्चे को सांस लेने में तकलीफ, छाती में घरघराहट या निगलने में दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। छोटे बच्चों में हर छोटी खांसी या सर्दी के लिए दवा देना जरूरी नहीं। असली दवा है प्यार, धैर्य और सही देखभाल। कफ सिरप तभी दें जब डॉक्टर सलाह दें और हमेशा डोज सही मात्रा में हो।
सावधानी बरतकर ही बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सकता है।

