किसे नहीं रखना चाहिए Karwa Chauth का व्रत? विशेषज्ञों ने बताई वजह
punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 10:28 AM (IST)

नारी डेस्क: करवा चौथ का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। लेकिन क्या हर महिला को यह व्रत रखना चाहिए? विशेषज्ञों का कहना है कि नहीं। कुछ विशेष परिस्थितियों में करवा चौथ का व्रत स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है, खासकर गर्भावस्था, डायबिटीज या ब्लड प्रेशर जैसी स्थिति में। आइए जानते हैं विस्तार से किन महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए।
डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं व्रत न रखें
अगर किसी महिला को डायबिटीज या ब्लड शुगर की समस्या है, तो करवा चौथ का व्रत रखना उसके लिए जोखिम भरा हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, लंबे समय तक खाली पेट रहने से शरीर में हाइपरग्लाइसेमिया (Hyperglycemia) यानी ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है। इससे चक्कर आना, अधिक पसीना आना, थकान और भ्रम (confusion) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, डायबिटीज रोगियों में फास्टिंग के दौरान हार्मोनल असंतुलन और डिहाइड्रेशन भी तेजी से बढ़ सकता है। ऐसे में व्रत रखने से स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना रहती है। यदि महिला को व्रत रखना ही है, तो डॉक्टर की सलाह से ही सीमित समय या तरल पदार्थ लेते हुए उपवास करना चाहिए।
बुखार या इंफेक्शन में व्रत न रखें
अगर किसी महिला को बुखार, सर्दी-जुकाम या किसी तरह का संक्रमण है, तो उसे करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। फास्टिंग के दौरान शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है, लेकिन जब पहले से ही बुखार या वायरल इंफेक्शन हो, तो शरीर कमजोर स्थिति में होता है। इस दौरान निर्जला व्रत रखने से शरीर में डिहाइड्रेशन और एनर्जी की कमी बढ़ सकती है। ऐसे में इम्यून सिस्टम और कमजोर पड़ता है और रिकवरी प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसलिए स्वास्थ्य ठीक होने तक व्रत टालना ही बेहतर विकल्प है।
लो ब्लड प्रेशर वाली महिलाएं सावधान रहें
लो ब्लड प्रेशर (Low BP) से परेशान महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। लंबे समय तक बिना पानी और खाना खाए रहने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है, जिससे चक्कर, कमजोरी, बेहोशी या कोलेप्स जैसी स्थिति बन सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ब्लड प्रेशर पहले से ही कम रहता है तो निर्जला व्रत खतरनाक हो सकता है। ऐसी महिलाएं डॉक्टर से सलाह लेकर व्रत को हल्के रूप में रखें जैसे फलाहार या तरल पदार्थों के साथ।
क्या प्रेग्नेंसी में करवा चौथ का व्रत रखना सही है?
गर्भवती महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत रखना एक भावनात्मक और धार्मिक निर्णय होता है, लेकिन चिकित्सीय दृष्टि से यह जोखिम भरा हो सकता है। गाइनोकोलॉजिस्ट्स के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान महिला का शरीर दो जिंदगियों के पोषण में लगा होता है। ऐसे में अगर महिला लंबे समय तक बिना खाना-पानी के रहती है, तो उसका ब्लड शुगर लेवल गिर सकता है, जिससे चक्कर, डिहाइड्रेशन और यूटरिन कोंट्रैक्शन (Uterine Contraction) जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।
इसके अलावा, शरीर में कीटोन्स (Ketones) बनने लगते हैं जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। डॉक्टर सलाह देते हैं कि गर्भवती महिलाएं अगर व्रत रखना चाहें तो उसे स्मार्ट तरीके से रखें जैसे नारियल पानी, दूध, फलों का जूस या सूखे मेवे का सेवन करते हुए। इससे ऊर्जा बनी रहती है और शरीर को जरूरी पोषण भी मिलता रहता है।
डॉक्टर की राय – व्रत रखें लेकिन समझदारी से
डॉक्टरों का कहना है कि धार्मिक मान्यताएं अपनी जगह सही हैं, लेकिन स्वास्थ्य सर्वोपरि है। अगर आप किसी भी बीमारी या गर्भावस्था से गुजर रही हैं, तो व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। ध्यान रखें कि करवा चौथ केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा का भी प्रश्न है।
करवा चौथ का व्रत महिलाओं की आस्था का प्रतीक है, लेकिन हर महिला के शरीर की स्थिति अलग होती है। डायबिटीज, लो ब्लड प्रेशर, बुखार या गर्भावस्था जैसी स्थितियों में बिना डॉक्टर की सलाह के निर्जला व्रत रखना खतरनाक हो सकता है। बेहतर होगा कि महिलाएं अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए संयम और समझदारी के साथ इस व्रत का पालन करें।