Chaitra Navratri: नवरात्रि में क्यों बोए जाते हैं जौ? शुभ-अशुभ का भी देते हैं संकेत

punjabkesari.in Saturday, Mar 26, 2022 - 10:06 AM (IST)

नवरात्रि में बिना कलश या घट स्थापना स्थापना के मां दुर्गा पूजा की पूजा अधूरी मानी जाती है। कलश या घाट स्थापना के साथ जौ बोया जाता है, जिसे हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कलश स्थापना के साथ-साथ मिट्टी के बर्तनों में जौ बोया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि जौ के माध्यम से मां दुर्गा भविष्य का संकेत देती है। चलिए आ ज हम आपको बताते हैं कि नवरात्रि में जौ क्यों बोया जाता है और इसे बोना क्यों जरूरी है। 

जौ क्या है?

जौ को ज्वार भी कहा जाता है,जो नवरात्रि के दौरान मंदिरों, घरों और पूजा पंडालों में मिट्टी के बर्तनों में ज्वार बोया जाता है। उन्हें नियमित रूप से पानी दिया जाता है और वे धीरे-धीरे अंकुरित होकर बढ़ते हैं और हरी फसल की तरह दिखें। नवरात्रि के अंत में उन्हें बहते पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।

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नवरात्रि में क्यों बोए जाते हैं जवारे?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कलश की स्थापना नवरात्रि में पूजा स्थल पर ज्वार बोया जाता है क्योंकि धार्मिक ग्रंथों में सृष्टि की पहली फसल को जौ ही बताया गया है। ऐसे में जब भी देवताओं की पूजा की जाती है तो हवन के समय जौ ही चढ़ाया जाता है। यही नहीं, ऐसी भी मान्यता है कि जौ ब्रह्म का रूप है। मान्‍यता है कि जौ के फलने-फूलने से घर में सुख-समृद्धि और हरियाली आती है।

शुभ और अशुभ का संकेत देते हैं जौ?

. नवरात्रि के दिनों में बोया गया ज्वार आपको आने वाले दिनों के बारे में संकेत देता है। माना जाता है कि अगर नवरात्र के पहले तीन दिनों में बोया हुआ जौ अंकुरित होने लगे तो यह शुभ होता है। 

. वहीं, अगर यह बिल्कुल नहीं बढ़ता है तो यह आने वाले दिनों के लिए अशुभ संकेत माना जाता है। जौ के अंकुरित न होने का मतलब है कि मेहनत के बाद भी आपको फल नहीं मिलेगा।

. इसके साथ ही अगर जौ हरे या सफेद रंग में बढ़ रहा है तो यह आपके भविष्य का संकेत दे रहा है यानी आने वाला समय खुशनुमा रहने वाला है।

. कहा जाता है कि अगर जौ अंकुरित ना हो तो सफलता के लिए इंताजर करना पड़ता है यानि आपको किसी कार्य में सफल होने के लिए समय लगेगा।

क्या करे अगर मिल जाए अशुभ संकेत?

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर जौ का रंग कोई अशुभ संकेत दे तो घर में मां दुर्गा की अराधना या हवन करवाना चाहिए। इसके साथ ही गरीबों व कुंवारी कन्याओं को दान आदि भी दें।


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Content Writer

Anjali Rajput

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