World Hepatitis Day: किन महिलाओं को अधिक होता है हेपेटाइटिस का खतरा, कैसे रखें बचाव?
punjabkesari.in Sunday, Jul 28, 2019 - 04:41 PM (IST)

हेपेटाइटिस ऐसी बीमारी है जिसमें संक्रमण के कारण लीवर में सूजन आ जाती है। मानसून में इस बीमारी का खतरा सबसे अधिक रहता है, खासकर महिलाओं को। दरअसल महिलाओं का इम्यून सिस्टम पुरूषों के मुकाबले ज्यादा कमजोर होता है, जिसके कारण वो इसकी चपेट में जल्दी आ जाती है। इस बीमारी के कारण हर साल दुनियाभर में करीब 14-15 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं लेकिन बावजूद इसके बहुत कम लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी है। ऐसे में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए आज दुनियाभर में विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जा रहा है। 'वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे' के मौके पर हम भी आपको इसके लक्षण, कारण और कुछ घरेलू उपचार बताएंगे, जिससे आप इस बीमारी से बच सकते हैं।
किन महिलाओं होता है अधिक खतरा?
महिलाओं में इस बीमारी के चांसेस ज्यादा होते हैं लेकिन प्रेग्नेंसी में खतरा सबसे ज्यादा होता है। अगर आप हेपेटाइटिस ए की बात करें तो इसमें समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा रहता है। मगर अन्य तरह के हेपेटाइटिस बच्चे के लिए ज्यादा खतरा पैदा करता है। यहां तक कि इससे महिलाओं का गर्भपात होने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं। हेपेटाइटिस मानसून में खान-पान, दूषित पानी या खून के जरिए फैलता है। ऐसे में महिलाओं को इस मौसम में ज्यादा सावधान रहना चाहिए।
हेपेटाइटिस के कारण
-लिवर के सूजन (Inflammation) या इंफेक्शन के कारण हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है।
-अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से भी इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है।
-कुछ दवाइयों के कारण विषाक्त पदार्थ बॉडी से बाहर नहीं निकल पाते और शरीर के कई हिस्सों में सूजन भी आ जाती है, जो इस बीमारी का कारण बनते हैं।
-मानसून में पनपने वाले बैक्टीरिया व वायरस दूषित भोजन व पानी के जरिए शरीर में पहुंच जाते हैं, जिससे यह रोग हो सकता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
भूख कम लगना
वजन का घटना
पेट दर्द और सूजन
त्वचा में खुजली होना
पीलिया की समस्या होना
मूत्र का रंग गहरा हो जाना
बहुत ज्यादा थकान होना
मतली और उल्टी आना
त्वचा और आंखों का पीला पड़ जाना
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि हेपेटाइटिस की बीमारी होने पर आपको कैसे डाइट लेनी चाहिए, ताकि आप जल्द से जल्द ठीक हो सकें।
फाइबर युक्त फूड्स
इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट में फाइबर युक्त फूड्स शामिल करें क्योंकि यह पाचन के लिए अच्छे होते हैं। साथ ही डाइट में हरी सब्जियां और फल अधिक लें। साथ ही खाना बनाने के लिए ऑलिव या कैनोला ऑयल का यूज करें।
डेयरी फूड्स
डेयरी फूड्स के साथ डाइट में लीन मीट, बीन्स, अंडे और सोया भी शामिल करें।
तुलसी के पत्तियां
अगर आपको यह बीमारी हो गई है तो तुलसी के पत्ते को पीसकर उसे मूली के रस के साथ खाएं। इससे आपको हेपेटाइटिस की समस्या दूर हो जाएगी।
हरा धनिया
हरा धनिया और 8-10 तुलसी के पत्तों को 4 लीटर पानी में उबालकर पीएं। दिन में 2-3 बार इसका सेवन करने से आपको फायदा मिलेगा।
कपूर
हेपेटाइटिस के मरीज के लिए कपूर काफी फायदेमंद माना जाता है। गेहूं के दाने बराबर कपूर को शहद के साथ मिलाकर मरीज को दें। इससे उसे काफी फायदा मिलेगा।
गन्ने का रस
गन्ने के रस के साथ तुलसी लेने से भी हेपेटाइटिस से लड़ने की ताकत मिलती है। गन्ने के रस में तुलसी के पत्ते का पेस्ट मिलाकर करीब 15-20 तक रोगी को पिलाएं।
क्या ना खाएं
-शराब का सेवन बिल्कुल न करें। शराब लिवर पर दबाव डालकर उसके कार्य को प्रभावित कर सकता है।
-बिना डॉक्टर की सलाह के किसी तरह की दवाई या विटामिन सप्लीमेंट्स लेने की गलती न करें।
-प्रोसेस्ड फूड्स, फास्ट व जंक फूड्स, रेड मीट, बेक फूड्स, पनीर, मक्खन और क्रीम आदि का सेवन करने से भी बचें।
-प्रेग्नेंसी के दौरान बाहर के खान-पान से दूर रहें। इससे आप हेपेटाइटिस ई और ए की रोकथाम कर सकती हैं।
गर्भावस्था की शुरुआत में हेपेटाइटिस का चेकअप जरूर कराएं, ताकि अगर महिला की बॉडी में इसका इंफेक्शन है तो उसे रोकने के लिए सही समय पर इंजेक्शन लगाया जा सकें। इसके अलावा महिलाएं इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए रोजाना व्यायाम करें।