जानिए, क्या है शरिया कानून? जिसकी वजह से खौफ में हैं अफगान महिलाएं

punjabkesari.in Thursday, Aug 19, 2021 - 06:59 PM (IST)

अफगानिस्तान पर कब्जे करने के साथ ही तालिबान शासन लागू हो गया है। वहीं,  बुधवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पहली बार प्रैस काॅफ्रेंस की जिसमें उन्होने तालिबान की एक नई छवि पेश करने की कोशिश की। तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान में लोकतंत्र से नहीं ब्लकि शरिया कानून से सरकार चलेगी। बता दें कि इसी के चलते वहां के स्थानीय लोग यहां तक कि देश का राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़ कर भाग गए हैं। लोगों का मानना है कि शरिया कानून की वजह से देश में महिलाओं की स्थिति खराब हो सकती है जिससे वहां की महिलाएं खौफ के साए में अपने घरों में बंद है। 

PunjabKesari

वहीं आईए जानते हैं कि शरिया कानून के बारे में विस्तार से जिसकी वजह से अफगान महिलाएं खौफ में है और तालिबानी शासन में शरिया कानून के क्या मायने है?

क्या है शरिया कानून?
शरिया शब्द का मतलब है एक रास्ता। इस्लामी शब्दावली में बात करे तो शरिया का अर्थ है 'कानूनी व्यवस्था'।  इसे इस्लाम की पवित्र किताब कुरान, सुन्नाह और हदीस से लिया गया है। शरिया का शाब्दिक अर्थ है पानी का एक स्पष्ट और व्यवस्थित रास्ता भी बताता है, यानि की शरिया क़ानून जीवन जीने का रास्ता तय करता है जो सभी मुसलमानों से इसका पालन करने की उम्मीद की जाती है। इसमें प्रार्थना, उपवास और ग़रीबों को दान करने का भी निर्देश दिया गया है। 

PunjabKesari

इसका मकसद मुसलमानों को यह समझना है कि उन्हें अपने जीवन के हर पहलू को ख़ुदा की इच्छा के अनुसार ही रखना है और उसके मुताबिक ही जिंदगी को जीना है।

शरिया का व्यवहार क्या है?
शरिया का व्यवहार इस्लामिक धर्म में यह बताता है कि मुस्लमानों की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए। उदाहरण के तौर इसमें बताया गया है कि अगर कोई आपका मित्र काम के बाद पब में आने के लिए बुलाते हैं, मगर अब वो ये सोच रहा है कि उसे जाना चाहिए या नहीं, ऐसे में वो मुस्लिम व्यक्ति सलाह के लिए शरिया के विद्वान के पास जा कर सलाह ले सकता है, ताकि ये तय कर सके कि  वे अपने धर्म के कानूनी ढांचे के भीतर कार्य करे या नहीं। इसके अलावा रोजमर्रा जीवन में जैसे कि पारिवारिक  मसलन क़ानून, वित्त और बिजनेस के लिए मार्गदर्शन के लिए भी कोई मुसलमान शरिया क़ानून का सहारा ले सकता है। 

PunjabKesari

क्या है शरिया कानून की कठोर सजा?
शरिया कानून अपराधों को मुख्य तौर पर दो भागों में बांटता है। जिसमें पहला है ‘हद’ और दूसरा है ‘तजीर’ अपराध। पहले  ‘हद’ में  गंभीर अपराध शामिल है जिसे ध्यान रख इसमें सजा दी जाती है औऱ दूसरा ‘तजीर’ अपराध में जज के उपर फैसला छोड़ दिया जाता है कि वह कैसी सजा दे। 

‘हद’ अपराधों में चोरी शामिल हैं। ऐसा करने पर अपराधी के हाथ काट दिए जाते हैं इशके अलावा  यौन संबंधी अपराधों के लिए कठोर दंड भी शामलि है। जिसमें पत्थर मारकर मौत की सजा दी जाती है। कुछ इस्लामी संगठनों के तर्क के अनुसार,  ‘हद’ अपराधों के लिए दंड मांगने पर इसके नियमों में सुरक्षा के कई उपाय तय हैं, यही वजह है कि सजा से पहले ठोस सबूत की जरूरत होती है।


PunjabKesari

ये है तालिबान का शरिया कानून
1996 से 2001 तक तालिबान का शरिया कानून काफी प्रचलित हुआ था। अपने शासन के दौरान शरिया कानून के अत्ंयत सख्त नियम को लागू कर तालिबान की खूब निंदा की गई थी। इस कानून के जरिए तालिबान सार्वजनिक पत्थरबाजी, कोड़े मारना, फांसी देकर किसी को भी बीच बाजार लटका देते थे। 

 शरिया कानून के तहत तालिबान ने हर तरह के गीत-संगीत को बैन कर दिया था। इस बार भी कंधार रेडियो स्टेशन पर कब्जा कर तालिबान ने गीत बजाने पर पाबंदी लगा दी है। इतना ही नहीं  चोरी करने वालों के तालिबान हाथ काट देते थे, इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, शरिया कानून का हवाला देकर तालिबान ने अफगानिस्तान में बड़े नरसंहार किए। इसके साथ ही तालिबान के शासन के तहत, पेंटिंग, फोटोग्राफी पर महिलाओं के ब्यूटी पार्लर जाने तक प्रतिबंध लगा दिया गया था, वहीं किसी भी तरह की फिल्म पर भी उन्होंने बैन लगा दिया था

PunjabKesari

शरिया कानून में कौन-कौन से सुनाए जाते है फैसले?
 शरिया कानून बहुत ही जटिल है और इसे लागू करने के लिए जानकारों के ज्ञान और उनकी शिक्षा पर निर्भर करता है। इसलिए इसे  इस्लामी जज मार्गदर्शन और निर्णय जारी करते हैं। मार्गदर्शन जिसे औपचारिक कानूनी फैसला माना जाता है, उसे मुस्लिम भाषा में 'फतवा' भी कहा जाता है।  

शरिया कानून के पांच अलग-अलग हैं स्कूल 

 शरिया कानून के पांच स्कूल हैं। जिसमें से चार सुन्नी सिद्धांत इसमें हनबली, मलिकी, शफी और हनफी और एक शिया सिद्धांत शामिल है जिसे शिया जाफरी भी कहा जाता है। वहीं पांचों सिद्धांत, इस बात में एक-दूसरे से अलग हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Recommended News

Related News

static