क्या है Good और Bad कोलेस्ट्रॉल में फर्क और कैसे करें इसे कंट्रोल?
punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2019 - 05:12 PM (IST)
कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का लुब्रीकेंट है, जो ब्लड सेल्स में पाया जाता है। हार्मोंस के निर्माण, शरीर में कोशिकाओं को स्वस्थ और ठीक रखने का काम करता है। गलत लाइफस्टाइल के चलते आजकल लोगों में हाई कोलेस्ट्राल की समस्या काफी देखने को मिल रही है। अगर उसे समय पर कंट्रोल ना किया जाए तो यह दिल की बीमारियों का कारण भी बन सकती है।
सबसे पहले तो आप यह जान लें कि कोलेस्ट्रॉल, शरीर के अंदर जमा वसा (चर्बी) जैसा पद्धार्थ होता है, जो कोशिकाओं को उर्जा प्रदान करता है। हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं, गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL)। शरीर में दोनों कोलेस्ट्राल की मात्रा ही बैलेंस होनी जरूरी है नहीं तो दिल की बीमारियों का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है।
गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL)
गुड कोलेस्ट्राल (हाई डेन्सिटी लाइपो प्रोटीन्स) में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और खून में 25-20% हिस्सा HDL का होता है। खून में इसकी सही मात्रा होना बहुत जरूरी है क्योंकि यह हार्ट अटैक से बचाने का काम करता है। यह धमनियों से बैड कोलेस्ट्रोल को हटाने में मदद करता है जिससे वे ब्लॉक न हो पाएं।
बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL)
बैड कोलेस्ट्रोल यानि लो डेन्सिटी लाइपो प्रोटीन्स में प्रोटीन के साथ फैट की मात्रा भी अधिक होती है इसलिए इसका हाई लेवल हानिकारक हो सकता है। खून में इसकी मात्रा बढ़ने से दिल व दिमाग की धमनियां ब्लॉक हो जाती है। इससे हार्ट अटैक, धमनियों में रुकावट या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
कोलेस्ट्रॉल की सही मात्रा?
शरीर में नार्मल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा (200 mg/dL या इससे कम) होनी चाहिए। बॉर्डर लाइन कोलेस्ट्रॉल (200 से 239 mg/dL) के बीच और हाई कोलेस्ट्रॉल (240mg/dL) होना चाहिए।
कब बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल?
मासिक धर्म शुरू होने से पहले महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रहता है लेकिन इसके बाद पुरूषों की तुलना में महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल अधिक बढ़ता है। मगर 60 से 65 वर्ष की उम्र तक महिलाओं और पुरुषों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सामान रूप से बढ़ती है। महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल का कम होना प्रीमैच्योर बेबी के जन्म का कारण बन सकता है इसलिए आपको खासतौर पर प्रेगनेंसी के दौरान कोलेस्ट्राल लेवल सामान्य रखना चाहिए।
-कई बार कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की प्रॉब्लम आनुवांशिक भी हो सकती है। साथ ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी डिजीज, लीवर डिजीज और हाइपर थाइरॉयडिज्म से पीड़ित लोगों में भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक पाया जाता है।
अब हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देते हैं, जिससे आप शरीर में कोलेस्ट्राल लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं...
डाइट है सबसे जरूरी
कोलेस्ट्राल को कंट्रोल में रखने के लिए सही डाइट लेना बहुत जरूरी है। इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट में हरी सब्जियां, फल, ताजा फलों का रस, नारियल पानी, ड्राई फ्रूट्स, ग्रीन टी, ओट्स, नींबू, ऑलिव ऑयल और साबुत अनाज अधिक लें।
इन चीजों से करें परहेज
-कोलेस्ट्राल लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं तो शराब, तंबाकू, सिगरेट, फास्ट व जंक फूड्स, ऑयली व मसालेदार भोजन और कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें।
-पैक्ड फूड जैसे आलू के चिप्स, मैदे से बने उत्पादों में ट्रांस फैट बहुत ज्यादा होता है। इन सभी चीजों का इस्तेमाल ना करें।
-कुकिंग ऑयल को बार-बार इस्तेमाल करने से ट्रांस फैट का स्तर काफी बढ़ जाता है।
-रेड मीट, फुल क्रीम दूध और घी का इस्तेमाल ना करें।
घरेलू नुस्खे भी आएंगे काम
ग्रीन टी
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण दिनभर में 2 कप ग्रीन ग्रीन टी पीने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है।
लहसुन
लहसुन का सेवन भी शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके गुड़ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। आप इसे शहद के साथ या भोजन में इस्तेमाल करके खा सकते हैं।
मेथी के दानें
मेथी के दानें टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम करने में मदद करते हैं। आप सुबह मेथी का पानी पी सकते हैं। इसके अलावा भोजन में मेथी का सेवन भी गुड़ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
वजन को करे कंट्रोल
बढ़ते वजन के के कारण भी शरीर में कोलेस्ट्राल लेवल बढ़ सकता है इसलिए बेहतर होगा आप वेट कंट्रोल करें। इसके लिए आप डाइट के साथ एक्सरसाइज का सहारा ले सकते हैं।
योग भी है फायदेमंद
इसे कंट्रोल करने के लिए आप योग का सहारा भी ले सकते हैं। इसके लिए चक्रासन, शलभासन, सर्वांगासन और पश्चिमोत्तानासन जैसे योग कर सकते हैं।