क्या वाकई बैली फैट घटाने में फायदेमंद है Fat Freezing?

punjabkesari.in Thursday, Sep 30, 2021 - 01:51 PM (IST)

पेट की जिद्दी चर्बी कम करने के लिए लगो वर्कआउट, डाइटिंग से लेकर कई घरेलू नुस्खे अजमाते हैं। क्या आपको भी नींबू और शहद का असर नजर नहीं आ रहा? वर्कआउट और डाइट से पेट की चर्बी कम नहीं कर पा रहे? ऐसे में आप फैट फ्रीजिंग (Fat Freezing) प्रक्रिया का सहारा ले सकते हैं। पहले सिर्फ विदेशों में ही यह तकनीक इस्तेमाल की जाती थी लेकिन पिछले कुछ समय से यह भारत में भी फेमस हो रही है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है फैट फ्रीजिंग प्रोसेस और इसके फायदे-नुकसान

क्या है फैट फ्रीजिंग?

फैट फ्रीजिंग एक नॉन-सर्जिकल कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है, जिसे क्रायोलिपोलिसिस और CoolSculpting के नाम से भी जाना जाता है। इसे साल 2010 में एफडीए द्वारा अनुमति दी गई है, जो 25 प्रतिशत वसा को हटाने में मदद करती है। सिर्फ वेट लूज ही नहीं बल्कि शरीर को कंटूरिंग और टोनिंग करने में भी यह प्रक्रिया बहुत फायदेमंद है। इससे डबल चिन, जांघों, पेट, पीठ या ऊपरी बाहों के फैट को भी कम करने में मदद मिलती है।

PunjabKesari

कैसे काम करती है फैट फ्रीजिंग ?

क्रायोलिपोलिसिस ना ही तो कोई सर्जरी है और ना ही इसमें सुइयों की जरूरत होती है। फैट फ्रीजिंग प्रक्रिय में इलेक्ट्रिक पैडल का यूज किया जाता है। पैडल को फैट वाले हिस्से पर लगाकर लगभग 35 मिनट से 1 घंटे और 15 मिनट के लिए छोड़ दिया जाता है, ताकि एक्स्ट्रा वसा कोशिकाओं को जमाया जा सके। इसके बाद मसाज के जरिए जमे हुए वसा टिश्यू को तोड़ दिया जाता है। इसके बाद लिवर उन टिशू को पचाकर शरीर से बाहर निकाल देता है, जिससे धीरे-धीरे चर्बी कम होने लगती है। ऐसा दावा है कि इससे करीब 20% -25% वसा नष्ट हो जाती है।

PunjabKesari

किन लोगों को दी जाती है सलाह?

. जिन लोगों को डाइट, वर्कआउट से भी कोई फायदा ना मिल रहा हो
. ढीली त्वचा
. खराब त्वचा टोन
. क्रायोग्लोबुलिनमिया (ऐसी स्थिति जिसमें रक्त में असामान्य प्रोटीन जम जाए)
. शीत पित्ती
. पैरॉक्सिस्मल कोल्ड हीमोग्लोबिनुरिया (एनीमिया का प्रकार)

साइड इफेक्ट क्या हैं?

हर तकनीक की तरह फैट फ्रीजिंग से भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं लेकिन वो ज्यादा गंभीर नहीं होते...

. ट्रीटमेंट लेने के बाद स्किन लाल पड़ना
. ट्रीटमेंट वाली स्किन में खुश्की
. रैशेज व निशान पड़ना
. स्किन में ढीलापन
. स्किन में गुदगुदी या चुभन महसूस होना

वहीं, कुछ लोगों को लंबे समय दर्द, स्किन अल्सर, फ्रॉस्ट बाइट भी हो सकते हैं।

PunjabKesari

कम की बजाए बढ़ा सकता है फैट

इसका सबसे खराब साइड इफेक्ट है पीएएच यानि Paradoxical Adipose Hyperplasia। इसमें कई बार एप्लिकेटर सेल्स को मारने की बजाए बढ़ा देता है, जिससे फैट मसाज के बाद भी ब्रेक नहीं हो पाता और शरीर में रह जाता है यानि पूरा प्रोसेस फेल। इसकी वजह से फैट वाला हिस्सा सूजन की शेप में बाहर आ जाते हैं हालांकि 0.051% लोगों में ही इसकी संभावना होती है।

PunjabKesari

यह एक मेडिकल प्रोसेस है इसलिए इस बाद की गारंटी नहीं कि लोगों को रिजल्ट तुरंत मिल जाएगा। इसमें हफ्ते या महीनों भी लग सकते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Related News

static