'सिर्फ हंगामा खड़ा करना!'...7 नॉमिनेशन के बाद भी फिल्मफेयर अवॉर्ड्स से निराश हैं Vivek Agnihotri
punjabkesari.in Thursday, Apr 27, 2023 - 03:40 PM (IST)
'द कश्मीर फाइल्स' के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री हमेशा से बेबाक किस्म के इंसान रहे हैं। वो अक्सर इंडस्ट्री वालों पर अपनी भड़ास निकलाते रहते हैं। अब एक बार फिर से विवेक ने सोशल मीडिया के जरिये फिल्म इंडस्ट्री के अवॉर्ड फंक्शन पर तंज कसा है और फिल्म फेयर अवॉर्ड 2023 का बायकॉट करने का फैसला किया है...
विवेक ने फिल्म फेयर अवॉर्ड 2023 पर साधा निशाना
विवेक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर बेस्ट डायरेक्टर के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड नॉमिनेशन का एक पोस्ट शेयर किया किया। इस पोस्ट में देखा जा सकता है कि 'द कश्मीर फाइल्स, गंगूबाई काठियावाड़ी, ब्रह्मास्त्र, भूल भुलैया 2, बधाई हो 2 और ऊंचाई' लिस्ट में शामिल हैं। इसी के साथ विवेक ने एक काफी लंबी पोस्ट लिखकर अवॉर्ड फंक्शन को टारगेट किया है।
ANNOUNCEMENT:
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 27, 2023
FILMFARE AWARDS
I learnt from media that #TheKashmirFiles is nominated in 7 categories for the 68th Filmfare Awards. But I politely refuse to be part of these unethical and anti-cinema awards. Here is why:
According to Filmfare, other than the stars, nobody has… pic.twitter.com/2qKCiZ8Llh
इस वजह से फिल्मफेयर अवॉर्ड का हिस्सा बनने से इंकार किया
उन्होंने लिखा, “ मुझे मीडिया से पता चला कि 'द कश्मीर फाइल्स' को 68वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए 7 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है। लेकिन मैं विनम्रतापूर्वक इन अनैतिक और सिनेमा विरोधी पुरस्कारों का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं। इसकी वजह से है कि फिल्मफेयर के मुताबिक स्टार्स के अलावा किसी का कोई चेहरा नहीं है। कोई मायने नहीं रखता। इसलिए फिल्मफेयर की चापलूस और अनैतिक दुनिया में संजय भंसाली या सूरज बड़जात्या जैसे मास्टर निर्देशकों का कोई चेहरा नहीं है। संजय भंसाली आलिया भट्ट की तरह दिखते हैं, सूरज मिस्टर बच्चन की तरह और अनीस बज्मी कार्तिक आर्यन की तरह। ऐसा नहीं है कि एक फिल्म निर्माता की गरिमा फिल्मफेयर पुरस्कारों से आती है लेकिन इस अपमानजनक व्यवस्था को समाप्त होना चाहिए'।
विवेक ने बॉलीवुड पर कसा तंज
उन्होंने आगे लिखा, ' इसलिए, बॉलीवुड के एक भ्रष्ट, अनैतिक और चापलूस प्रतिष्ठान के खिलाफ मेरे विरोध और असहमति के रूप में मैंने ऐसे पुरस्कारों को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है। मैं किसी भी दमनकारी और भ्रष्ट प्रणाली या पुरस्कारों का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं जो लेखकों, निर्देशकों और फिल्म के अन्य एचओडी और चालक दल के सदस्यों को सितारों के नीचे और/या गुलामों के रूप में मानते हैं।'
सिर्फ आरोप लगाना मेरा मकसद नहीं
विवेक ने अपनी पोस्ट में लास्ट में लिखा, 'जीतने वाले सभी लोगों को मेरी बधाई और जो नहीं जीत पाते उन्हें और भी बहुत कुछ। उज्जवल पक्ष ये है कि मैं अकेला नहीं हूं। धीरे-धीरे लेकिन लगातार एक समानांतर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री उभर रही है। तब तक…सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदली जाए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, कहीं भी आग लग सकती है, लेकिन आग जलनी चाहिए- दुष्यंत कुमार।”