जन्माष्टमी पर करने हैं कान्हा के दिव्य दर्शन, तो इन प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर पर जाने का बनाएं प्लान
punjabkesari.in Sunday, Aug 18, 2024 - 07:30 PM (IST)
नारी डेस्क: जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के भक्त उनके दर्शन और पूजा के लिए देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों में जाते हैं। ये मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला, धार्मिक महत्त्व और भक्तों की आस्था के लिए प्रसिद्ध हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे प्रमुख मंदिरों के बारे में जहां आप जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के दर्शन कर सकते हैं और उनके महत्त्व के बारे में जान सकते हैं:

श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा (उत्तर प्रदेश)
यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान के रूप में माना जाता है। यहां का गर्भगृह वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी के अवसर पर यहां विशेष पूजा, झांकियां और उत्सवों का आयोजन होता है। लाखों भक्त इस दिन यहां भगवान के दर्शन करने आते हैं।

द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका (गुजरात)
द्वारका को भगवान श्रीकृष्ण की नगरी माना जाता है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और उनकी ‘द्वारकाधीश’ के रूप में पूजा की जाती है। जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और भगवान की झांकियां निकाली जाती हैं। यह मंदिर चार धामों में से एक है।

गोविंद देवजी मंदिर, जयपुर (राजस्थान)
यह मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित है और भगवान गोविंद देव (श्रीकृष्ण) की सुंदर प्रतिमा यहां स्थापित है। जन्माष्टमी पर यहां बहुत बड़ा उत्सव होता है, जिसमें भगवान का विशेष श्रंगार और झांकियां बनाई जाती हैं। इस दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन (उत्तर प्रदेश)
वृंदावन में स्थित यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप 'बांके बिहारी' को समर्पित है। जन्माष्टमी पर यहां विशेष आयोजन होते हैं, जिसमें भक्त भगवान के विभिन्न रूपों के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर की रासलीला और झूलन उत्सव भी बहुत प्रसिद्ध हैं।
जगन्नाथ मंदिर, पुरी (ओडिशा)
भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित यह मंदिर भी भगवान कृष्ण का ही रूप माना जाता है। यहां का रथयात्रा महोत्सव बहुत प्रसिद्ध है। जन्माष्टमी के अवसर पर यहाँ विशेष पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
राधा रमण मंदिर, वृंदावन (उत्तर प्रदेश)
यह मंदिर भगवान कृष्ण के 'राधा रमण' रूप को समर्पित है। यहां भगवान की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है, और जन्माष्टमी के समय यहां विशेष पूजा और भजन होते हैं।




