इस दिन तुलसी तोड़कर ना करें अपमान, भूलकर भी ना करें ये गलतियां
punjabkesari.in Friday, Mar 12, 2021 - 12:19 PM (IST)
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। सिर्फ धार्मिक ही नहीं यह पौधा औषधीए गुणों से भी भरपूर होता है। हिंदू धर्म से जुड़े लोग घर-आंगन में तुलसी का पौधा लगाते हैं क्योंकि यह नेगेटिव एनर्जी को घर में घुसने नहीं देता। वहीं, तुलसी का पौधा नारी के जीवन में क्या महत्व रखता है। चलिए आपको बताते हैं कैसे...
तुलसी की पत्तियां तोड़ते समय ना करें ये गलतियां
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी माता को राधा रानी का रूप माना जाता है जो सांयकाल में लीला करती हैं। ऐसे में शाम के समय इसकी पत्तियों को तोड़ने की मनाही होती है। अगर फिर भी पत्तियां जरूरी हो तो उसे तोड़ने से पहले पौधे को हिला लें।
2. तभी भी तुलसी को पत्तियों को खींचकर या नाखूनों से तोड़ना नहीं चाहिए।
3. इसकी पत्तियों को चबाए नहीं बल्कि जीभ पर रखकर चूसें। ऐसा इसलि क्योंकि शास्त्रों में तुलसी को वृक्ष नहीं बल्कि राधा रानी का अवतार माना गया है।
4. बिना स्नान किए तुलसी तोड़ना भी उनकी अपमान होती है। वहीं, ऐसे पत्ते पूजन के लिए भी स्वीकार नहीं किए जाते।
रविवार को क्यों नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी
1. विष्णु पुराण के अनुसार, रविवार, सूर्य ग्रहण, एकादशी, संक्रान्ति, द्वादशी, चंद्रग्रहण और संध्या काल में तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए। मान्यता के अनुसार, एकादशी पर मां व्रत करती हैं इसलिए इस दिन पत्ते तोड़ने से घर में गरीबी का वास होता है.
2. भगवान विष्णु का को तुलसी के साथ रविवार का दिन भी अतिप्रिय है इसलिए रविवार को भी मां लक्ष्मी का स्वरूप समझी जाने वाली तुलसी तोड़ने की मनाही होती है।
3, कई जगहों पर मंगलवार को भी तुलसी तोड़ने की मनाही होती है क्योंकि इसे क्रूर वार माना जाता है।
12 दिन तक ताजी रहती हैं तुलसी की पत्तियां
बहुत कम लोग जानते हैं कि तुलसी 12 दिनों तक बासी नहीं मानी जाती। इसलिए इसकी पत्तियों पर हर रोज जल छिड़कर पुन: भगवान को अर्पित किया जा सकता है।
तुलसी क्यों है फायदेमंद
वास्तुशास्त्र 10 दिशाओं और 9 ग्रहों पर अधारित है, जिसमें से तुलसी मरकरी यानि बुध्र ग्रह पर असर डालती है क्योंकि सिर्फ तुलसी और गंगाजल में ही मरकरी पाया जाता है। यह टेम्प्रेटर को कंट्रोल करने के साथ वातावरण को भी शुद्ध करता है।
तुलसी के प्रकार
बता दें कि तुलसी तीन तरह की होती है... पहली राम तुलसी, जिसके पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं। दूसरी शाम तुलसी, जिसके पत्ते छोटे डार्क ग्रीन कलर के होती है और तीसरी छोटे डार्क पत्तों वाली काली तुलसी। घरों में आमतौर पर राम व शाम तुलसी होती है, जिसे उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व में रखना शुभ होता है। जबकि आयुर्वेद में काली तुलसी का इस्तेमाल होता है, जिसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।
मुसीबत आने से पहले ही तुलसी देती है संकेत
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर तुलसी सूखने लगे तो समझ लें कि घर पर कोई विपत्ति आने वाली है। वहीं, अगर कोई ग्रह अशुभ प्रभाव डालने लगे तो तुलसी का पौधा रंग बदलने लगता है जबकि तुलसी का हरा-भरा होना जीवन में खुशियां आने का संकेत है।
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि कहां और किस जगह पर होनी चाहिए तुलसी...
तुलसी रखने की सही दिशा
मान्यता है कि मां लक्ष्मी भी तुलसी के पौधे में वास करती है इसलिए भगवान विष्णु को तुलसी सर्वप्रिय है। वास्तु के अनुसार तुलसी का पौधा उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। भूलकर भी इसे पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिशा में ना लगाएं।
महिलाएं रोजाना दें जल
महिलाओं को रोजाना तुलसी को जल देना चाहिए लेकिन रविवार को नहीं। इसके घर में सुख-संपदा, शांति बनी रहती हैं और कभी भी पैसों की तंगी नहीं होती। मगर, ध्यान रखें कि तुलसी को जल देने के लिए कांसे के लौटे का इस्तेमाल करें।
सुबह-शाम के समय महिलाएं तुलसी के सामने घी का दीया जरूर लगाएं। मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न रहती है और घर में सुख-समृद्धि बनाए रखती हैं।
तुलसी बेडरूम में ना लगाएं
तुलसी का पौधा बहुत पवित्र होता है इसलिए इसे बेडरूम में लगाने से बचे। इससे पति-पत्नी के बीच परेशानियां आ सकती हैं।
घर में तुलसी लगाने का उचित स्थान
चूंकि इसे सूरज की रोशनी चाहिए होती है इसलिए घर के अंदर तुलसी नहीं लगानी चाहिए। इसे हमेशा खुले आंगन या घर की छत पर लगाएं।
तुलसी की माला
तुलसी की माला का जाप करने के ना सिर्फ आत्मा शुद्ध होती है बल्कि इससे मन में सकारात्मक विचार आते हैं।
तुलसी के पानी से स्नान करना
पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डालकर नहाने से सभी यज्ञों और तीर्थों में स्नान करने जितना पवित्र माना जाता है।