घर में रहेगी सुख-समृद्धि और खुशहाली, नवरात्रि में मुख्य द्वार पर करें ये काम
punjabkesari.in Saturday, Sep 24, 2022 - 03:55 PM (IST)
शारदीय नवरात्रि कुछ दिनों में शुरु होने वाले हैं। इस दौरान मां दुर्गा की भक्ति से चारों और पॉजिटिव एनर्जी रहती है। भक्त मां के प्रसन्न करने के लिए उपवास भी करते हैं। विधि-विधान से मां की पूजा करते हैं। वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से मां की कृपा आप पर बनेगी। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए आप घर के मुख्य द्वार पर कुछ उपाय कर सकते हैं। इससे घर में खुशहाली भी आएगी और सुख-समृद्धि भी बढ़ेगी। परिवार के सदस्यों में प्यार भी बढ़ता है। तो चलिए आपको बताते हैं ऐसे ही वास्तु टिप्स...
आम के पत्तों का लगाएं बंदनवार
नवरात्रि के पहले दिन पूजा करने से पहले आप घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्ते या फिर अशोक के पत्ते से बना बंदनवार जरुर लगाएं। वास्तु मान्यताओं के अनुसार, इससे मुख्य द्वार की नेगटिव एनर्जी दूर होगी। घर में भी खुशहाली और सुख-समृद्धि रहेगी।
दरवाजे पर बनाएं स्वास्तिक
नवरात्रि के शुरुआत से ही आप रोज मुख्य द्वार पर सिंदूर से दरवाजे के दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं। इसके अलावा पानी में हल्दी मिलाकर जल भी जरुर चढ़ाएं।
मां के कदमों के निशान
मुख्य द्वार पर आप नवरात्रि के पहले दिन से ही मां दुर्गा के कदमों के निशान घर की अंदर आती हुई दिशा में बनाएं। लाल रंग के पेंट का प्करयोग आप पैरों के निशान बनाने के लिए कर सकते हैं।
पैसों की तंगी होगी दूर
यदि आपको घर में किसी भी तरह की आर्थिक समस्या है तो नवरात्रि में मां लक्ष्मी के किसी मंदिर में जाकर आप लाल रंग के कपड़े में थोड़ी से केसर, हल्दी और चावल बांधकर चढ़ाएं। इसमें से थोड़े चावल लाकर आप घर में अपने धन के स्थान पर रख दें। मान्याओं के मुताबिक, इससे आपके घर में पैसे की बचत होने लगेगी।
तांबे के लोटे में भरकर रखें जल
नवरात्रि में नौ दिनों तक मां की पूजा करने के बाद एक तांबे के लोटे में जल भरकर मुख्य द्वार पर रख दें। इस जल में गुलाब की पत्तियां और थोड़ा सा इत्र जरुर मिलाएं। इससे भी आपके घर की नेगेटिविटी दूर हो जाएगी और मां लक्ष्मी का घर में प्रवेश भी होगा।
ईशान कोण में लगाएं तुलसी का पौधा
नवरात्रि में किसी भी दिन आप घर के ईशान कोण या फिर उत्तर-पूर्व कोणे में तुलसी का पौधा जरुर लगाएं। मान्यताओं के अनुसार, इससे आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी।