अगहन मास की शाम कर लेंगे श्रीकृष्ण से जुड़ा ये काम तो हो जाएगा बेड़ा पार

punjabkesari.in Thursday, Dec 03, 2020 - 11:46 AM (IST)

हिन्दू पंचांग के अनुसार, 1 दिसंबर से अगहन यानी मार्गशीर्ष महीना शुरू हो चुका है, जो धार्मिक नजरिए से काफी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान विष्णु व उनके अवतार और माता लक्ष्मी, चंद्रदेव की अराधना करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती है। वहीं, वास्तु के अनुसार, इस महीने की शाम कुछ कार करने से आपके काम में आ रही अड़चन, घर के लड़ाई-झगड़े दूर होते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कि अगहन माह की शाम कौन-से काम करने शुभ माने जाते हैं...

मार्गशीर्ष माह में स्नान का महत्व

इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। मान्याता है कि इस दौरान पवित्र नदियों का पानी कई रोगों का नाश करने में सक्षम होता है, जिससे आप रोगों से मुक्त हो जाते हैं।

PunjabKesari

स्नान करने का तरीका

सबसे पहले तुलसी की जड़ की मिट्टी का का लेप लगाकर स्नान करें। साथ ही 'ॐ नमो भगवते नारायणाय' या गायत्री मंत्र का जप करें। इसके बाद पवित्र नदी में स्नान करें।

इस महीने की शाम जरूर करें ये काम

मार्गशीर्ष माह में कोई भी मंगल काम करना शुभफलदाई माना जाता है। इस महीने में शाम या रात के समय भजन-कीर्तन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। खासतौर पर भगवान की अराधना करने से संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है।

भगवान श्रीकृष्ण को जरूर लगाएं तुलसी का भोग

इस महीने में स्नान के बाद रोजाना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें और उन्हें तुलसी का पत्ता अर्पित चढ़ाएं।

PunjabKesari

शंख पूजा का खास महत्व

शंख पूजा का भी इस महीने में काफी महत्व है। किसी तीर्थस्थल पर नहीं जा सकते तो घर पर ही मंत्र "त्वं पुरा सागरोत्पन्न विष्णुना विधृत: करे। निर्मित: सर्वदेवैश्च पाञ्चजन्य नमोऽस्तु ते। तव नादेन जीमूता वित्रसन्ति सुरासुरा:। शशांकायुतदीप्ताभ पाञ्चजन्य नमोऽस्तु ते॥" का जाप करके शंख पूजा करें।

दान करना भी होता है शुभ

इस मौसम के साथ ही शीतलहर भी आरंभ हो जाती है, जिसमें गर्म कपड़े, कंबल, मौसमी फल और अन्नदान करना शुभ माना जाता है। साथ ही आसन, तुलसी माला, चंदन, मोर पंख, कलश, दीपक आदि का दान शुभ होता है।

जीवन की बाधाओं को दूर करेगा यह टोटका

जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए आप यह छोटा-सा काम करें। अपने गुरु और इष्ट देव को सुबह-शाम स्मरण करते हुए प्रणाम करें। साथ ही गुरू और इष्ट देव के मंत्रों का जाप करने की कोशिश करें।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Related News

static