वैष्णो देवी भवन में अब सुनाई नहीं दे रही जयकारों की गूंज, भक्तों को है मां के दर्शन का इंतजार
punjabkesari.in Thursday, Aug 28, 2025 - 10:39 AM (IST)

नारी डेस्क: माता वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते में हुए विनाशकारी भूस्खलन के बाद श्रद्धालुओं के जयकारों की जगह अपनों की तलाश में भटकते कदमों ने ले ली है। इस भूस्खलन में अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है। आधार शिविर, अस्पताल और सहायता केंद्र कटरा में बढ़ती अनिश्चितता के केंद्र बन गए हैं, क्योंकि पीड़ित परिवार दर-दर भटक रहे हैं। उन्हें अब भी उम्मीद है कि उनके लापता परिजन जीवित बचे लोगों में शामिल होंगे। यह आपदा व्यस्त अर्धकुंवारी मार्ग पर आई, जो तीर्थयात्रा मार्ग के बीचों-बीच स्थित है, जहां एक भीड़भाड़ वाला विश्राम स्थल चट्टानों और मलबे की चपेट में आकर नष्ट हो गया।
#WATCH | Katra, J&K: On Vaishno Devi Yatra temporarily suspended due to landslide, a devotee, Raja Kumar, says, "The yatra has been stopped for now. We are staying at a hotel for two days. Now we will return only after visiting the Vaishno Devi Temple from here... There is a red… pic.twitter.com/MpTa2b9P2h
— ANI (@ANI) August 28, 2025
शुभम साहू और उनकी टीम के लिए यह हादसा एक डरावना अनुभव रहा। लौटते समय अचानक जमीन धंस गई और उनकी 11- सदस्यीय टीम के तीन लोग अब तक नहीं मिले हैं। उन्होंने रुंधे गले से कहा- ‘‘कुछ लोग अब भी लापता हैं।' पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक जाने वाले 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते में लगभग आधे रास्ते पर स्थित अर्धकुंवारी हमेशा श्रद्धालुओं से भरा रहता है, जो मंदिर जाते या आधार शिविर, कटरा लौटते समय इंद्रप्रस्थ भोजनालय में विश्राम करते या भोजन का आनंद लेते थे। मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं- मंगलवार सुबह से हिमकोटि ट्रेक मार्ग पर यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन दोपहर 1.30 बजे तक यह पुराने रास्ते से जारी रही, जब अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए इसे अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया।
संकट के दृश्य पूरे शहर में दिखाई दे रहे हैं। पंजाब के सुभाष अपने समूह के चार सदस्यों की तलाश कर रहे हैं, जो भूस्खलन के बाद से अचानक गायब हो गए थे। उन्होंने कहा- ‘‘हो सकता है कि उन्होंने कहीं शरण ली हो, लेकिन उन्हें अब तक लौट आना चाहिए था।'' उन्होंने कहा कि इस भयावह संभावना को नकार नहीं पा रहे थे कि कुछ और भयावह हुआ है। भूस्खलन में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 घायल हुए हैं। मृतकों में अब तक 20 की पहचान हो चुकी है और उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के श्रद्धालु शामिल हैं। इस घटना में घायल हुई पंजाब के मोहाली की किरण पहाड़ी से नीचे आ रही थीं, तभी उन्होंने ‘‘पत्थर गिरते'' देखे। वह सुरक्षित तो पहुंच गईं, लेकिन उन्हें चोटें आईं। फिलहाल माता वैष्णो देवी की यात्रा अब अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने एक औपचारिक सलाह जारी कर तीर्थयात्रियों से ‘‘मौसम ठीक होने पर अपनी यात्रा की योजना फिर से बनाने'' का आग्रह किया है। कई तीर्थयात्री यह भी तय नहीं कर पा रहे थे कि यात्रा के फिर से शुरू होने का इंतजार करें या अपने घर लौट जाएं। हरिद्वार से 24 अन्य लोगों के साथ आई दीपा ने कहा- ‘‘मंगलवार शाम को हम कटरा पहुंचे, तो मौसम बहुत खराब था। बिजली नहीं थी और यात्रा के लिए पंजीकरण काउंटर भी बंद था।'' उन्होंने कहा कि वे अंतिम निर्णय लेने से पहले अगले कुछ दिन इंतजार करेंगी।
दिल्ली निवासी नैना ने कहा कि उन्होंने मंदिर में दर्शन करने के लिए हेलीकॉप्टर टिकट बुक कर लिये थे, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन ने सब कुछ रोक दिया है। उन्होंने कहा- ‘‘मौजूदा मौसम में मंदिर जाना बहुत जोखिम भरा है। कटरा और जम्मू के बीच ट्रेन सेवा भी स्थगित है।'' उन्होंने इच्छुक श्रद्धालुओं से सावधानी से यात्रा करने का आग्रह किया। एक श्रद्धालु राजा कुमार कहते हैं- "यात्रा फिलहाल रोक दी गई है। हम दो दिन के लिए एक होटल में ठहरे हैं। अब हम यहाँ से वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करके ही लौटेंगे... पहाड़ी पर रेड अलर्ट है और वहां एक दुर्घटना भी हुई है। मलबा साफ होने के बाद यात्रा फिर से शुरू होगी। यात्रा कब शुरू होगी, यह कोई नहीं जानता।"
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