उठक-बैठक से कम होगा वजन, जानें देसी और रेगुलर स्क्वाट्स में फर्क
punjabkesari.in Wednesday, Jul 29, 2020 - 11:05 AM (IST)
वजन घटाने के लिए लोग जिम में घंटों पसीना बहाते हैं। जबकि ऑयुर्वेद और योग में ही ऐसे कई कारगर देसी तरीके हैं, जो वजन कम करने में मददगार है। उन्हीं में से एक है देसी स्क्वाट्स यानि उठक-बैठक। देसी उठक बैठक ना सिर्फ वजन घटाती है बल्कि इससे आप कई बीमारियों से भी बचे रहते हैं। चलिए आपको बताते हैं देसी उठक बैठक करने का तरीका और इसके फायदे...
क्या है उठक बैठक (Hindu Squats)?
योग और आयुर्वेक के अनुसार, उठक बैठक ऐसा व्यायाम है, जो पूरे शरीर पर असर डालता है। रोजाना महज 20 से 25 मिनट तक उठक बैठक करके आप खुद फर्क महसूस करेंगे। खास बात यह है कि इसे करने के लिए आपको किसी उपकरण की भी जरूरत नहीं होती।
उठक बैठक करने का सही समय
रोजाना सुबह-शाम खाली पेट 20 से 25 मिनट उठक-बैठक करें। हो सके तो इसे शांत व खुले वातावरण में करें।
क्या है रेगुलर स्क्वाट्स?
स्क्वाट्स स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज का अहम हिस्सा हैं, जो कूल्हे, हैमस्ट्रिंग्स और क्वॉड्रीसेप्स को मजबूत करता है। वहीं, हाई लेवल स्क्वाट्स के लिए बार्बेल, प्लेट्स, डम्बेल, हेक्स बार का भी यूज किया जाता है। इससे ना सिर्फ शरीर में चुस्ती-फुर्ती आती है बल्कि यह परफेक्ट शेप देने में भी मददगार है।
उठक-बैठक और स्क्वाट्स में फर्क
1. उठक-बैठक और रेगुलर स्क्वाट्स में कोई खास फर्क तो नहीं है लेकिन स्क्वाट्स की तुलना में उठक-बैठक से शरीर को ज्यादा फायदा मिलता है। वहीं, स्क्वाट्स के लिए जिम व मंहगे टूल्स चाहिए होंगे लेकिन उठक-बैठक बिना उपकरण के किया जाता है।
2. स्क्वाट्स को धीरे-धीरे हाथों के कम इस्तेमाल से किया जाता है जबकि उठक-बैठक में पूरे शरीर का इस्तेमाल होता है और इसे तेज करना पड़ता है।
उठक बैठक करने के फायदे
. उठक बैठक से फैट बर्न होता है जिससे कार्बोहाइड्रेट व बैली फैट कम होता है। साथ ही यह वजन को कंट्रोल और शरीर के निचले हिस्से यानि कोर को भी मजबूती देता है।
. यह एक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करती है, जिससे रक्त के थक्के, दिल की बीमारियां, स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम होता है।
. रोजाना 20 मिनट यह एक्सरसाइज करने से पैरों में मजबूती आती है और जोड़ों में दर्द की समस्या नहीं होती।
. इससे स्ट्रेस बूस्ट होता है, जिससे आप तनाव, डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं।
. यह शरीर की स्टेबिलिटी और स्टेनिमा बढ़ाने में भी काफी मददगार है।
. इससे कूल्हों, हिप्स का फैट कम करने में भी मदद मिलती है और मांसपेशियों में भी लचीलापन आता है।