टब में ली हॉट बाथ बढ़ाती है मिसकैरेज के चांसेसः स्टडी
punjabkesari.in Thursday, Nov 01, 2018 - 05:58 PM (IST)

सर्दियों में कई गर्भवती महिलाएं स्नान करने के लिए हॉटबाथ-टब का इस्तेमाल करती हैं लेकिन अध्य्यन की मानें तो जरूरत से ज्यादा हॉट बथ गर्भपात का कारण बन सकता है।
क्या कहती है स्टडी?
शोध के अनुसार, शरीर का बढ़ा हुआ तापमान पहली तिमाही में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की संभावना बढ़ा देता है। यही कारण है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर का तापमान भी 101 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर नहीं होना चाहिए। हॉट टब में 20 मिनट रहने से शरीर का तापमान 102 डिग्री तक बढ़ जाता है इसलिए डॉक्टर्स प्रेग्नेंसी में इस बाथ को लेने से मना करते हैं।
हॉटबाथ-टब में रहने का उचित समय
अगर आप हॉट बाथ ले भी रहे हैं तो उचित समय अनुसार लें। टब में ली 5 से 8 मिनट हॉट बॉथ उचित हैं इससे ज्यादा मां बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकती है।
किस प्रेगनेंसी माह में होता है ज्यादा खतरा?
प्रेग्नेंसी के पहले महीने में इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है क्योंकि इस महीने में बच्चों के अंग पूरी तरह विकसित नहीं होते। ऐसे में पहले महीने हॉट बॉथ टब को पूरी तरह इग्नोर करना ही सही है। तीसरे महीने में आप हॉट बाथ ले सकती हैं लेकिन सॉना, जकूजी और हॉट टब से बचें ताकि इनकी गर्माहट से हार्ट रेट न बढ़ जाए।
क्या हॉट टब से बर्थ डिफेक्ट संभव है?
शोध के अनुसार, हॉट टब और सोना बाथ लेने वाली महिलाओं के बच्चे ब्रेन व स्पाइना बिफिडा की समस्या के शिकार हो सकते हैं। कई बार तो इस स्थिति की संभावना 3 गुणा तक बढ़ जाती है।
हॉट बाथ-टब की बजाए लें हॉट बाथ
अगर आप सर्दियों में गर्म पानी से स्नान करना ही चाहती हैं तो हाट बॉथ बेस्ट ऑप्शन हैं। यह बॉथ-टब की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है जबकि इस बात का ध्यान रखें कि हॉट बाथ में भी पानी ज्यादा गर्म न हो।