एक ही शख्स कर रहा था 9 साल से 6 जिलों में सरकारी नौकरी, लाखों की सैलरी उठाई, भनक भी नहीं लगी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 01:30 PM (IST)

नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां अर्पित सिंह नाम के एक शख्स नौ सालों तक छह अलग-अलग जिलों में फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी की और लाखों रुपये की सैलरी ली । यह मामला न सिर्फ सरकारी भर्ती प्रणाली की खामियों को उजागर करता है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल खड़े करता है कि कैसे इतने लंबे समय तक कोई इस धोखाधड़ी का पता नहीं लगा सका। अब इस घोटाले की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
 
2016 की एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती

मामला मई 2016 में हुई एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती से जुड़ा है। अर्पित सिंह नाम के व्यक्ति को इस भर्ती में नियुक्ति मिली थी। हालांकि, उसकी असली तैनाती हाथरस के मुरसान सीएचसी में बताई गई, लेकिन नौ सालों से वह रामपुर जिले में नौकरी करता रहा और प्रति माह करीब 60 हजार रुपये सैलरी पाता रहा।

6 जिलों में एक नाम पर नौकरी, 4.5 करोड़ का चूना

जांच में सामने आया कि अर्पित सिंह के नाम से बदायूं, बांदा, बलरामपुर, शामली, फर्रूखाबाद और रामपुर में अलग-अलग लोग नौकरी कर रहे थे। हर जिले में वेतन भी जारी था। इस फर्जीवाड़े से स्वास्थ्य विभाग को करीब 4.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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जांच और कार्रवाई के आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की गहन जांच के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में तीन डिप्टी सीएमओ की टीम बनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साथ ही, सभी चयनित उम्मीदवारों का पुन: सत्यापन भी कराया जा रहा है।

राजनीति में उभरे सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घोटाले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा था, लेकिन जांच में सामने आया कि यह भर्ती सपा के शासनकाल में हुई थी। इससे सपा को भी राजनीतिक झटका लगा है।

यह मामला सरकारी भर्ती प्रक्रिया में गंभीर कमियों और भ्रष्टाचार को उजागर करता है। पारदर्शिता और कड़ी निगरानी के बिना ऐसे घोटाले बार-बार होते रहेंगे। सरकार पर दबाव है कि वह इस मामले में सख्त कदम उठाए और सिस्टम को दुरुस्त करे।  


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Content Editor

Priya Yadav

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