कोरोना में इन तरीकों से मनाएं सेफ होली, मजा होगा दोगुना
punjabkesari.in Sunday, Mar 28, 2021 - 11:54 AM (IST)
कोविड ने हर इंसान की लाइफस्टाइल को तो बदल ही दिया वहीं हमारे देश के पारंपरिक त्योहारों को भी बदल कर रख डाला है। पिछले साल की तरह इस बार भी होली का त्योहार ऐसे समय में आ रहा है जब एक बार फिर से कोरोना महामारी का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि कोरोना काल में होली को कैसे मनाया जाएं। पहले की तरह इस साल हमें होली खेलते समय कुछ सावधानियां बरतनी होंगी जोकि हमारे और परिवार के लिए बहुत जरूरी हैं, जिससे त्योहार के रंग में भंग न पड़े। त्योहार को एंजॉय करते हुए हम कैसे सेफ होली खेल सकते हैं आईए जानते है इसके बारे में...
परिजनों के साथ मनाएं होली-
गैट-टू-गैदर करने की बजाए घर परिवार के लोगों के साथ ही होली मनाएं। होली के उत्सव में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना ना भूलें। टोलियां ना बनाएं क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ने की सम्भावना बहुत अधिक होगी और हां इस बीच मास्क ना पहनने की गलती ना करें क्योंकि यह आपका रक्षा कवच है।
गीली नहीं, सूखी होली मनाएं-
कोविड-19 के चलते इस बार सूखी होली खेलना बेहतर विकल्प रहेगा। ज्यादा देर पानी में रहने से सर्द-गर्म होने की संभावना अधिक रहती हैं और कोरोना में हमें इसी इंफेक्शन से खुद का बचाव करना है क्योंकि सर्दी-जुकाम होने पर वायरस की चपेट में आने के चांसेस काफी बढ़ जाते हैं। गीले की बजाए इस बार सूखी होली खेलें।
बुजुर्गों को तिलक लगाकर खेलें होली-
कोरोना का खतरा बुजुर्गों व पहले से ही किसी बीमारी के शिकार लोगों को ज्यादा है इसलिए उनका होली के रंगों से एहतियात बरतना बहुत जरूरी है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें रंगों से एलर्जी होती हैं। ऐसे में कोशिश करें कि होली के लिए घर के बने नेचुरल रंगों का इस्तेमाल किया जाए वहीं बुजुर्गों पर रंग पोतने की बजाए माथे पर तिलक लगाकर होली का शगुन करें।
बच्चों का रखें खास ध्यान-
होली के त्यौहार की उत्सुकता सबसे अधिक बच्चों में होती है। इसलिए उनका विशेषतौर पर ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक और बहुत सेंसिटिव होती है,ऐसे में कोरोना काल के बीच बच्चों की मस्ती भारी न पड़ जाए, इसलिए उन्हें होली खेलने के लिए नेचुरल कलर ही देें। हो सके तो पानी वाली होली खेलने से बच्चों को दूर ही रखें। वायरस से बचने के लिए बच्चों को फूल स्लीव के ही कपड़े पहनाएं। छोटे बच्चे अक्सर चीजों को अपने मुंह में डाल लेते हैं ऐसे में खास तौर पर ध्यान रखें कि बच्चों को अपने मुंह में रंग न डालने दें। इन रंगों में कई तरह के केमिकल होते हैं, जिनका सेवन करने पर उन्हें उल्टी हो सकती है।
इन लोगों को न लगाएं होली के रंग-
होली के त्योहार में लोग इतने मगन और मस्त हो जाते हैं कि वह कई बार लापरवाह हो जाते हैं। होली खेलते समय लोग यह भूल जाते हैं कि सामने वाला व्यक्ति स्वस्थ है भी या नहीं। हम कई बार अपनी खुशी और जिद्द में आकर उन्हें जबरन रंग लगा देते हैं, लेकिन कोविड के चलते इस बार ध्यान रखना होगा कि किसी भी बिमार या हल्के-फुल्के खांसी जुकाम वाले व्यक्ति को रंग न लगाएं। ऐसे में उन्हें तो इंफेक्शन होगी ही हम भी संक्रमण के जाल में फंस सकते हैं।
मेहमानों का भी रखें खास ख्याल-
कोविड ने हर त्योहारों की प्रथा को बदल कर रख दिया है। होली पर लोग एक दूसरे के घर जाकर रंग-गुलाल लगाते हैं और एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। ऐसे में हमें घर आए मेहमान का भी विशेष रूप अब ध्यान रखना होगा। घर आए मेहमान को सबसे पहले आप सैनिटाइज करें और फिर उन्हें रंग लगाना ऐसे में वह भी सुरक्षित रह सकेंगे और आप भी।
इस बार गले नहीं हाथ जोड़ कर दें होली की मुबारकबाद-
कोरोना काल ने सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी रहने वाले अंग्रेजों को नमस्ते करने पर मजबूर कर दिया। हम हर बार होली पर एक दूसरे को गले लगाकर बधाई देते है लेकिन इस बार यह गलती न करें इस बार हाथ जोड़ कर ही होली की मुबारकबाद दें।कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए गले मिलने की बजाय थोड़ी दूरी मेंटेन करें तो ही बेहतर होगा।
बाज़ार के रंगों की बजाएं हर्बल रंगों का करें प्रयोग-
पेटलावद वन विभाग ने एक अनोखा प्रयोग करते हुए जंगलों में पाई जाने वाली फूल पत्तियों से हर्बल युक्त रंग व गुलाल बनाए हैं जो आम इंसान की त्वचा के लिए नुकसानदायक नहीं है। जिससे अब आम नागरिक बिना अपनी स्किन को खराब किए होली खेल सकते हैं। इन रंगों में पलाश व अन्य जड़ी बूटियों वाले कलर को बनाने के दौरान किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है।