दुनिया का पहला ''स्पेस डिटर्जेंट'' बना TIDE, अब अंतरिक्ष यात्री धो सकेंगे अपने कपड़े

punjabkesari.in Thursday, Jun 24, 2021 - 05:27 PM (IST)

चंद्रमा से लेकर मंगल ग्रह तक उड़ान भरने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, अब उन्हें अंतरिक्ष में अपने गंदे कपड़ों को फेंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अंतरिक्ष में ही कपड़े साफ करने के लिए दुनिया का पहला साबुन बनाने जा रही है। इसके लिए नासा ने कपड़ा धोने का साबुन बनाने वाली दिग्‍गज कंपनी टाइड के साथ हाथ मिलाया है। नासा और टाइड के बीच हुए समझौते में कहा गया है कि स्‍पेस एजेंसी अगले साल टाइड के कपड़े की सफाई के साबुन को परीक्षण के लिए अंतरिक्ष में लेकर जाएगी।

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अंतर‍राष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन के कार्यकारी मुख्‍य वैज्ञानिक डॉक्‍टर माइकल रॉबर्ट ने के अनुसार,  प्राइवेट सेक्‍टर स्‍पेस स्‍टेशन का सही इस्‍तेमाल करते हुए ऐसे प्रॉडक्‍ट तरीकों का परीक्षण स्‍पेस में कर सकता है जो धरती पर संभव नहीं है। इससे उनके वर्तमान प्रॉडक्‍ट की गुणवत्‍ता बढ़ेगी और जमीन तथा धरती के निचली कक्षा में काम करने के बिजनस मॉडल को समझा जा सकेगा। 

 रॉबर्ट के मुताबिक, अंतरिक्ष में सामान भेजने की सीमा की वजह से अंतरिक्षयात्रियों को साफ कपड़े मुहैया कराना हमेशा से ही चैलेंज रहा है। वहीं अगर चांद या मंगल तक की यात्रा करनी होगी तो अंतरिक्षयात्रियों को धरती से साफ कपड़े भेजना संभव नहीं रहेगा। उदाहरण के लिए मंगल ग्रह की यात्रा में तो करीब दो से तीन साल लग सकते हैं। ऐसे में अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो  बड़ी कामयाबी होगी।

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हर साल नासा 68 किलो कपड़ा अंतरिक्ष स्‍टेशन भेजती है-
बतां दें कि हर साल नासा प्रत्‍येक अंतरिक्षयात्री के लिए करीब 68 किलो कपड़ा अंतरिक्ष स्‍टेशन भेजती है। इसे भेजने में काफी खर्च करना पड़ता है। इसके अलावा अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष स्‍टेशन में एक ही कपड़ा कई बार पहनते हैं। जिस वजह से उनका कपड़ा दुर्गंध मारने लगता है। नासा के मुताबिक, अगर टाइड या अन्‍य कंपनियां साबुन बनाने में कामयाब हो जाती हैं तो अंतरिक्षयात्रियों के इस्‍तेमाल किए हुए कपड़े को नष्‍ट करने की बजाय उसे साफ किया जा सकेगा।

कपड़े धोने के बाद पानी पी भी सकेंगे-
वहीं अंतरिक्ष यात्रियों के लिए साबुन बना रही कंपनी टाइड ने कहा है कि उसका अंतरिक्ष में इस्‍तेमाल किए लिए बना साबुन पूरी तरह से नष्‍ट होने योग्‍य है। इसलिए यह दुर्गंध और दाग-धब्‍बों को दूर करने में सक्षम हो सकता है।  सिर्फ इतना ही नहीं सफाई के बाद बचे हुए पानी को फिर से साफ करके पीया भी जा सकेगा।

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 टेस्ट के लिए स्‍पेस स्‍टेशन भेजेगी टाइड कंपनी अपना साबुन-
वहीं अब अगले साल स्‍पेस स्‍टेशन भेजे जाने वाले सामान के साथ टाइड की टीम यह पता लगाएगी कि साफ करने वाले तत्‍व अंतरिक्ष में शून्‍य गुरुत्‍वाकर्षण और सूरज की किरणों के विकिरण के बीच कितना अच्‍छे तरीक से काम करते हैं। इसके लिए टाइड के साबुन को स्‍पेस स्‍टेशन भेजा जाएगा। वहीं इस पर नासा और टाइड ने कहा कि वे पता लगाएंगे कि क्‍या चंद्रमा और मंगल मिशन के लिए यह तकनीक कारगर रहेगी या नहीं। टाइड ने कहा कि इससे आगे चलकर धरती पर भी सुरक्षित साबुन बनाने में मदद मिलेगी ताकि पर्यावरण को प्रदूषण को घटाया जा सकें। 
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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