Thyroid से राहत चाहिए? तो इन 5 फूड को अपनाएं, थायराइड रहेगा कंट्रोल में!

punjabkesari.in Thursday, Jun 05, 2025 - 12:57 PM (IST)

नारी डेस्क: थायराइड की समस्या आजकल आम हो गई है, विशेषकर महिलाओं में। यह हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर की कई कार्यप्रणालियों को प्रभावित करता है। हालांकि, दवाओं के साथ-साथ जीवनशैली और आहार में बदलाव से इस पर काबू पाया जा सकता है।  

 गेहूं की जगह ग्लूटेन-फ्री आटे का सेवन करें

गेहूं में ग्लूटेन होता है, जो थायराइड के मरीजों के लिए पाचन में कठिनाई उत्पन्न कर सकता है। इसके स्थान पर राजगिरा (अमारैंथ), सिंघाड़ा (चेस्टनट) और ज्वार (सोरघम) जैसे ग्लूटेन-फ्री आटे का सेवन करना चाहिए। ये आटे सेलेनियम, आयरन, कैल्शियम, जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम और विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो थायराइड ग्रंथि के कार्य में सहायक होते हैं।

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 प्रोसेस्ड स्नैक्स की जगह हेल्दी विकल्प अपनाएं

प्रोसेस्ड स्नैक्स जैसे चिप्स और बिस्कुट में उच्च मात्रा में शुगर, नमक और अस्वास्थ्यकर वसा होते हैं, जो थायराइड के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके स्थान पर मखाना, नारियल, ताजे फल और होममेड नट्स जैसे हेल्दी विकल्पों का सेवन करें। ये न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं।

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 असमय भोजन की आदत को बदलें

असमय भोजन करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है, जो थायराइड के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है। डॉक्टर दीक्षा ने बताया कि पहले वह कभी भी खाना खा लेती थीं, लेकिन अब वह सूर्योदय के बाद पहली मील, दोपहर 12 से 2 बजे के बीच लंच और सूर्यास्त से पहले डिनर करती हैं। इस प्रकार का भोजन समय शरीर के प्राकृतिक रिदम के अनुरूप होता है, जो मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है।

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 प्रोसेस्ड शुगर की जगह प्राकृतिक मिठास का सेवन करें

प्रोसेस्ड चीनी आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन वजन बढ़ाने और थायराइड के कार्य को प्रभावित करने में सहायक हो सकता है। इसके स्थान पर खजूर, गुड़, कच्चा कोको और मीठे फल जैसे प्राकृतिक मिठास का सेवन करें। ये न केवल शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि वजन को नियंत्रित करने में भी सहायक होते हैं।

हैवी प्रोटीन की जगह पचाने में आसान प्रोटीन का सेवन करें

थायराइड के मरीजों के लिए पाचन में आसानी से पचने वाले प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। हैवी और सिंथेटिक प्रोटीन के स्थान पर मूंग, चना, सत्तू, नट्स और बीज जैसे कद्दू, सूरजमुखी के बीज, ब्राजील नट्स और बादाम का सेवन करें। ये प्रोटीन स्रोत न केवल पचाने में आसान होते हैं, बल्कि थायराइड ग्रंथि के कार्य में भी सहायक होते हैं।
 
थायराइड की समस्या को नियंत्रित करने के लिए आहार में छोटे-छोटे बदलाव बड़े प्रभाव डाल सकते हैं। दीक्षा भावसार सावलिया के सुझाए गए ये पांच आहार संबंधी बदलाव थायराइड के मरीजों के लिए सहायक हो सकते हैं। हालांकि, किसी भी आहार परिवर्तन से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। संतुलित आहार और नियमित जीवनशैली अपनाकर थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है।   

 


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Content Editor

Priya Yadav

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