Dhanteras 2022: धनतेरस पर जरुर सुने ये पौराणिक कथा, कभी नहीं होगी धन की कमी
punjabkesari.in Saturday, Oct 22, 2022 - 12:49 PM (IST)
दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है जो की आज है। धनतेरस दो शब्दों से बना है, धन और तेरस मतलब धन को 13 गुना करना। मना जाता है की धनतेरस के दिन खरीदारी करने से 13 गुना लाभ मिलता है। आपको बता दें की कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तारीख के दिन धनतेरस त्योहार को मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी, यम, धनवंतरि और कुबेर देवता की पूजा से उनकी कृपा मिलती है। आपको बता दें की इस दिन मां लक्ष्मी की इस कथा का विशेष महत्व है, इस कथा को सुनने से दिवाली के दिन मां लक्षमी की कृपा होती है।
मां लक्षमी जी की कथा
कहा जाता है की एक बार भगवान विष्णु मृत्युलोक में भ्रमण करने जा रहे थे। मां लक्षमी ने साथ चलने का आग्रह किया तो विष्णु जी ने कहा, यदि जो मैे बात कहुं वही मानो तो चलो, मां लक्ष्मी ने इस बात को स्वीकार कर लिया और विष्णु जी के साथ चल पड़ी। वहीं कुछ दुर चलने के बाद विष्णु जी बोले, 'जब तक मैं न आऊं, तुम यहां ठहरो। मैं दक्षिण दिशा की ओर जा रहा हूं, तुम उधर मत देखना।' विष्णुजी के जाने पर लक्ष्मी जी को उत्सुकता उत्पन्न हुआ कि 'आखिर आखिर दक्षिण दिशा में क्या है जो मुझे मना किया गया है और भगवान स्वयं दक्षिण में क्यों गए, कोई रहस्य जरूर है।'
यही सोच कर मां लक्ष्मी उनके पीछा चुपके से करने लगी। एक जगह पहुंचकर मां लक्ष्मी ने किसान के खेत से फुलों का श्रृंगार किया और गन्ने का रस पिया। विष्णु जी ने यह देख लिया और क्रोधित होकर मां लक्ष्मी को शाप दिया की वो 12 साल तक किसान की सेवा करेंगी। इसके बाद पूरे 12 साल मां लक्ष्मी किसान के घर पर ही रहीं। 12 साल बाद जब विष्णु जी मां लक्ष्मी को लेने आए तो उन्होनें जाते-जाते किसान को कहा की 'तेरस का रात को घर पर घी का दीपक जला कर, तांबे की कलश में रुपये और पैसे रखकर मेरी पूजा करना, मैं पूरे साल तुम्हारे घर पर वास करुंगी'।
किसान ने वैसा ही किया और ऐसे ही हर साल धनतेरस का पर्व मनाया जाने लगा।