इन मंदिरों से है राम जी का गहरा कनेक्शन, जानिए इनसे जुड़ी मान्यताएं

punjabkesari.in Wednesday, Apr 21, 2021 - 06:13 PM (IST)

चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि में रामनवमी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। ऐसे में लोग इस दिन को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, दुनिया की भलाई के लिए त्रेता युग में भगवान श्रीहरि व देवी लक्ष्मी ने राम और देवी सीता के रूप में धरती पर अवतार लिया था। भले ही अब कलयुग चल रहा है। मगर मान्यता है कि दुनिया में ऐसी कई जगहें आज भी मौजूद है, जिनका संबंध भगवान राम व सीता से हैं। तो चलिए आज हम रामनवमी के शुभ अवसर पर हम आपको ऐसी ही जगहों के बारे में बताते हैं।

अयोध्या

अयोध्या को श्रीराम की जन्म भूमि माना जाता है। आज के समय में अयोध्या उत्तरप्रदेश में स्थित है मान्यता है कि यहां पर आज भी कई जगह ऐसी है, जिसका संबंध भगवान राम से है। वहीं अब यहां पर श्रीराम का भव्य राम मंदिर भी बनने जा रहा है। 

PunjabKesari

जानकी मंदिर, जनकपुर

जनकपुर माता सीता की जन्म भूमि है। साथ ही इसी शुभ भूमि पर प्रभु श्रीराम व देवी सीता विवाह के बंधन में बंधे थे। अब यहां पर जाकनी मंदिर स्थापित है। यह मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू के दक्षिण पूर्व में स्थापित है। देश-विदेश से लोग उसी पावन विवाह मंडप विवाह स्थल के दर्शन करने आते हैं। आज भी जनकपुर के पास पड़ते गांवों के लोग विवाह के शुभ दिन पर सिंदूर लेकर अपनी दुल्हन की मांग भरते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान राम और माता सीता का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।  

PunjabKesari

अहिल्या स्थान

यह स्थान बिहार के दरभंगा जिला के अहियारी गांव में बसा है। कहा जाता है कि यहां पर एक मंदिर है, जहां पर रामायण काल में श्रीराम ने गौतम श्रृषि की पत्नी माता अहिल्या को श्राप से मुक्त किया था। इसी मंदिर के पास स्थित भोजपुर जगह पर भगवान राम द्वारा ताड़का का वध हुआ था। 

PunjabKesari

चित्रकूट के राम मंदिर

चित्रकूट उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ठीक बीच में बसा है। प्रभु श्रीराम अपने 14 साल के वनवास में करीब 11 साल चित्रकूट में रहे थे। मान्यता है कि यहां पर आज भी श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के कई पद चिन्ह है। इसी स्थान पर जानकी कुंड स्थापित है। कहा जाता है कि माता सीता ययहीं पर स्नान करती थी। चित्रकुट से करीब 4 कि.मी की दूरी पर सती अनुसूइया और महर्षि अत्रि का आश्रम है। इसी स्थान पर माता सीता को अनुसूइया ने जेवर दिए थे। उन जेवरों की खासियत थी कि वे कभी गंदे होकर हमेशा चमकते रहते थे। 

PunjabKesari

PunjabKesari

पंचवटी राम मंदिर

भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने पंचवटी में भी वनवास के दिन बिताएं थे। यह स्थान आज नासिक में स्थित हैं, जहां पर अब राम मंदिर है। इसी जगह पर लक्ष्मण ने शूर्पनखा की नाक काटी थी। साथ ही राम जी और लक्ष्ण ने खर व दूषण नाम के राक्षसों से युद्ध लड़ा था।

PunjabKesari

रामेश्वर

रामेश्वर चार धामों में से एक है। यह स्थान आज दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थापित है। रामायण काल में लंका तक पहुंचने के लिए हनुमान जी ने सेना के साथ मिल कर पत्थर से सेतु बनाया था। यह पुल भारत में रामसेतु व दुनियाभर में एडम्स ब्रिज अर्थात आदम का पुल के नाम से मशहूर है। इसके साथ ही सीता माता को वापिस पाने के लिए राम जी ने शिव जी अराधना करने के लिए मंदिर का निर्माण किया था। यह रामेश्वर मंदिर के नाम से मशहूर है।

PunjabKesari

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

neetu

Recommended News

Related News

static