संकल्प से लेकर नियम तक क्या एकादशी व्रत से जुड़ी ये बातें जानते हैं आप?
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 06:46 PM (IST)
नारी डेस्क: एकादशी व्रत भगवान विष्णु की आराधना के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि आती है और साल में 24 एकादशियां होती हैं। इसे आध्यात्मिक शुद्धता, आत्म-संयम, और पुण्य प्राप्ति के लिए रखा जाता है। अगर आप पहली बार एकादशी व्रत रखने की योजना बना रहे हैं, तो यहां इसके महत्व, शुभ दिन, नियम, और पालन के तरीके बताए गए हैं।
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एकादशी व्रत पहली बार कैसे शुरू करें?
यदि आप पहली बार एकादशी व्रत शुरू कर रहे हैं, तो देवउठनी एकादशी (कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष) सबसे शुभ मानी जाती है। अन्य शुभ एकादशी: कामदा एकादशी, निर्जला एकादशी है। व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु के समक्ष व्रत रखने का संकल्प लें। संकल्प में यह बोलें कि आप यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए कर रहे हैं। भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें। विष्णु सहस्रनाम, गीता पाठ या भगवद कथा सुनना शुभ होता है।
एकादशी व्रत का महत्व
यह व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और पापों से मुक्ति पाने का एक मार्ग है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे आत्म-संयम और आध्यात्मिक प्रगति के लिए रखा जाता है।
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एकादशी व्रत के नियम
व्रत के दिन अन्न और चावल नहीं खाए जाते। फलाहार, दूध, फल, और पानी का सेवन किया जा सकता है। निर्जला एकादशी में जल का भी त्याग किया जाता है (लेकिन यह कठिन है और इसे स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर करें)। पूजन के लिए भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं। तुलसी के पत्तों का प्रयोग करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। रात को जागरण करें और भगवान का ध्यान करें। व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें, बुरे विचारों, गुस्से और झूठ से बचें। इस दिन जरूरतमंदों को दान जरूर दें।
साल में कितनी बार होती है एकादशी?
एक वर्ष में 24 एकादशियां होती हैं (अधिकमास के दौरान यह संख्या 26 हो सकती है)। प्रत्येक माह में दो एकादशियां होती हैं: शुक्ल पक्ष की एकादशी, कृष्ण पक्ष की एकादशी।
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पहली बार एकादशी व्रत के लिए विशेष सुझाव
- यदि आप पहली बार व्रत रख रहे हैं, तो फलाहार व्रत से शुरुआत करें।
- किसी पंडित या परिवार के बड़े-बुजुर्ग से व्रत की सही विधि समझ लें।
- व्रत के दौरान भगवान विष्णु के "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
- भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का उपयोग करें।
एकादशी व्रत का समापन कैसे करें?
द्वादशी तिथि (अगले दिन) को व्रत खोलने से पहले भगवान विष्णु की पूजा करें। साधारण सात्विक भोजन ग्रहण करें। जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें। एकादशी व्रत केवल शारीरिक तपस्या नहीं है, बल्कि यह मन और आत्मा की शुद्धि के लिए किया जाने वाला एक आध्यात्मिक अभ्यास है। इसे शुरू करते समय नियमों का पालन करें और भगवान विष्णु की आराधना में मन लगाएं। एकादशी व्रत से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।"