बच्चों को बिगाड़ देती है Parents की यह आदतें, करने से पहले हो जाएं सावधान

punjabkesari.in Sunday, Aug 28, 2022 - 12:29 PM (IST)

बच्चों के यदि अच्छी परवरिश न दी जाए तो वह बड़े होकर माता-पिता के सामने जवाब देने लगते हैं। माता-पिता की कई गलतियां बच्चों को बिगाड़ देती हैं। बच्चों को रोकना-टोकना उनकी तुलना किसी ओर के साथ करना जैसी गलतियां माता-पिता अक्सर बच्चों के साथ करते हैं, जिसके कारण बच्चे बिगड़ जाते हैं। इसके अलावा माता-पिता का बच्चों के सामने झगड़ा करना, झूठ बोलना, अपनी नाकामियों के लिए बच्चों को दोष देना जैसी आदतें भी बच्चों के जीवन पर बुरा असर डालती हैं। पैरेंट्स अक्सर कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं। जिसके कारण बच्चे बिगड़ जाते हैं। उनकी आदतें खराब हो जाती हैं। तो चलिए आपको बताते हैं पैरेंट्स की कुछ आदतें जो बच्चों को बिगाड़ सकती हैं...

ज्यादा स्क्रीन पर समय बर्बाद करना 

बच्चे कोविड के कारण लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप जैसी चीजों के आदि हो गए हैं। आउटडोर एक्टिविटीज की जगह बच्चे फोन में गेम खेलना पसंद कर रहे हैं। यह चीजें बच्चों को टेक्निकली तो स्मार्ट कर रही हैं लेकिन इससे बच्चों की पूरी ग्रोथ पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। काफी समय तक स्क्रीन के आगे बैठने से बच्चों की आंखों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य इन सब चीजों से खराब हो सकता है। 

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बच्चे नखरों को समझना प्यार 

पैरेंट्स बच्चों की कई जिद अपना समय और एनर्जी बचाने के लिए पूरी कर देते हैं। इन सब चीजों से भी बच्चे बिगड़ सकते हैं। बच्चे यह बिल्कुल भी नहीं सीख पाते कि उन्हें अपनी इच्छाओं पर कैसे काबु पाना है। हर जिद पूरी होने के कारण बच्चे सही गलत में भी अंतर समझना भूल जाते हैं। 

बच्चों के सिर्फ जीतने के लिए प्रोत्साहित करना 

आजकल के आधुनिक युग में कॉम्पीटिशन भी बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण पैरेंट्स बच्चों को सिर्फ जीतने के लिए प्रेरित करते हैं। बच्चों को माता-पिता फैल्यिर से डील करना नहीं सिखाते। बहुत से पैरेंट्स यह बात भी बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करना चाहते कि उनका बच्चा हार रहा है। लेकिन आप बच्चों को हर किसी परिस्थिति से लड़ना सिखाएं। यह बच्चों के विकास और उनकी ग्रोथ के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। 

बच्चे की तुलना करना 

हर किसी बच्चे में अलग-अलग खुबियां होती हैं। सारे बच्चे एक समान नहीं होते। दो भाई-बहनों में भी बहुत ही अंतर होता है। दोनों भाई और बहनों में भी अच्छाई और बुराई दोनों हो सकते हैं।  ऐसा भी हो सकता है कि आपका बच्चा किसी चीज में दूसरे से बेहतर भी न हो। इसके विपरित किसी चीज में वह दूसरों से अच्छा भी हो सकता है। आप बच्चे की किसी के साथ भी तुलना न करें।  

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बच्चों को सिखाने की जगह डांटना 

पैरेंट्स कई बार बच्चों की कुछ चीजें समझ न आने पर उन्हें डांटने लगते हैं। इन सब के कारण भी बच्चे पैरेंट्स से डरने लगते हैं। ऐसे में वह अपने माता-पिता से कोई भी चीज पूछने से डरने लगते हैं। बच्चे आगे भविष्य में जाकर गुस्सैल भी हो सकते हैं। 

कुछ चीजों को न छोड़ पाना 

माता-पिता के लिए बच्चों को अच्छी परवरिश देना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। बच्चों के अच्छे भविष्य  और अच्छी सेहत के लिए माता-पिता का बदलना भी जरुरी है। यदि आपका बच्चा बाहरी फूड का शौकिन है और आप उसकी यह आदत छुड़वाना चाहते हैं तो आपको खुद भी जंक फूड छोड़ना होगा। बच्चों की आदत सुधारने से पहले आपको अपनी आदत सुधारनी होगी। यदि आप खुद किसी चीज को नहीं छोड़ सकते तो आप इस चीज की बच्चों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं। 

 बच्चों को खुद फैसला लेने की इजाजत देना  

पैरेंट्स कई बार बच्चों को कुछ कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए उन्हें कुछ ऑप्शन देना शुरु कर देते हैं। बच्चों को अपने फैसले लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। अपने खुद के फैसले लेने से बच्चों में समझ तो आती है लेकिन फिर वह किसी भी परिस्थिति का सामना करने से पहले और किसी भी दूसरे व्यक्ति के साथ स्थिति संभालने की जगह कोई दूसरा ऑप्शन चुनने लग जाते हैं। 

कुछ भी मांगने से पहले ही विश पूरी करना 

पैरेंट्स बच्चों को लाड प्यार के चक्कर में कई बार खुद से ही उन्हें चीजें लाकर दे देते हैं। इन सब चीजों से बच्चों को यह लगता है कि उन्हें किसी भी चीज को मांगने की जरुरत नहीं है क्योंकि माता-पिता उनके बिना बोले ही उनकी सारी इच्छाएं पूरी कर देते हैं। यह चीजें भी बच्चे के ऊपर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। आप बच्चे के बिना बोले कोई भी चीज उन्हें न दें। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि वहीं चीजें उन्हें दें जो उनके लिए सही हो और जिसकी उन्हें जरुरत हो। 

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झूठ बोलने की आदत 

कई बार माता-पिता बच्चों के आगे झूठ बोलने लगते हैं। इससे भी बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। बच्चों पर इस आदत का भविष्य में बुरा असर पड़ सकता है। जब भी पैरेंट्स बच्चों के सामने झूठ बोलते हैं तो बच्चा भी भविष्य में अपने आप को बचाने के लिए इसे एक ट्रिक के रुप में मानने लगता है। इसलिए आप बच्चों के सामने झूठ न बोलें और उसे झूठ से होने वाले नुकसान भी बताएं। 

बड़ों की बातों में बच्चों को शामिल करना 

पैरेंट्स के बीच में कई जरुरी बातें होती हैं। लेकिन आप उन बातों में बच्चों को शामिल न करें। यदि आपकी बात बच्चे के मतलब की नहीं है तो उसे इन सब से दूर ही रखें। बच्चे बहुत जल्दी बड़ों की बातें सुनकर उन्हें जज करना शुरु कर देते हैं। 

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पैशेंस रखना सिखाएं 

आजकल के बच्चों में पैशेंस यानी की सब्र बहुत कम होता है। बच्चों के अंदर सब्र लाने के लिए आप अपने अंदर भी सब्र लेकर आएं। कई परिस्थितियां बस में नहीं होती। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए जरुरी है कि आप अपने और बच्चों को अंदर सब्र लेकर आएं। 

अपनी नाकामियों के लिए न दें बच्चों को दोष 

बच्चों को जन्म देना माता और पिता दोनों का फैसला होता है।  यदि आपको बच्चा या उसका बिहेवियर बुरा लगता है तो आप उसे कुछ गलत न बोलें।  क्योंकि यह फैसला आपका ही था। यदि आपको गुस्सा आता है तो बच्चे पर बिल्कुल भी न निकालें। 

ज्यादा पैसे खर्च करने की आदत 

कई माता-पिता को बहुत पैसा खर्च करने की आदत होती है। बच्चों को भी यह आदत आपने माता-पिता से ही आती है। यदि आप फिजुलखर्ची की आदत से बच्चों को बचाना चाहते हैं तो खुद भी ज्यादा पैसे न खर्चें। बच्चों को फिजुलखर्ची का मतलब भी जरुर बताएं। 

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palak

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