स्तनपान से जुड़ी ये 8 बातें हैं बिल्कुल झूठ, महिलाएं ना करें विश्वास
punjabkesari.in Friday, Jul 31, 2020 - 03:07 PM (IST)
शिशु के लिए मां का दूध किसी वरदान से कम नहीं क्योंकि इससे उसे सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं। स्तनपान करवाना सिर्फ शिशु ही नहीं बल्कि मां की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। मगर, अक्सर महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी ऐसी बातों पर भी विश्वास कर लेती हैं जो बिल्कुल झूठ होती हैं। ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े इन मिथ्स को दूर करना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत को नुकसान हो सकता है।
विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week 2020) के मौके पर हम आपको ऐसी ही कुछ बातें बताएंगे, जिनपर महिलाओं को कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
मिथ: ब्रेस्टफीडिंग के समय दर्द होना सामान्य है
सच: महिलाओं को लगता है कि स्तनपान करवाते समय दर्द होना नॉर्मल बात नहीं है जबकि ऐसा नहीं है। अगर आपको ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दर्द हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
मिथ: प्रसव के बाद 3 या 4 दिन में दूध अधिक नहीं होता
सच: बता दें कि इन दिनों में दूध कम जरूर होता है लेकिन वह शिशु के हिसाब से बिल्कुल सही होता है। नवजात पहले 48 घंटों में सिर्फ 5 से 15 मी/फीड ही लेता है इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
मिथ: शिशु को दोनों स्तनों से फीड करवाना जरूरी
सच: ऐसा जरूरी नहीं है कि शिशु को दोनों स्तनों से समान रूप से फीड करवाया जाए। आप बच्चे की भूख के अनुसार उन्हें दूध पिला सकती हैं।
मिथ: बीमार मां नहीं करवा सकती ब्रेस्टफीडिंग
सच: महिलाओं को लगता है कि बीमार होने पर वह शिशु को दूध नहीं पीला सकती। सच्चाई यह है कि मां का दूध शिशु के लिए एंटीबॉडिज होता है, जो उसे बीमारियों से बचाता है। अगर मां को बुखार, सर्दी जुकाम है तो वह बेफ्रिक होकर फीड करवा सकती है। अगर मां को HIV, टीबी या HTL V1 हो तो आप फीड नहीं करवा सकती।
मिथ: बोतल से फीड करवाने के बाद ब्रेस्टफीडिंग में आसानी होगी
सच: यह धारणा बिल्कुल गलत है। सच्चाई यह है कि ब्रेस्टफीडिंग करवाने के बाद बच्चा बोतल आसानी से पकड़ लेता है। वहीं एक्सपर्ट की मानें तो बच्चे को कम से कम 6 महीने तक बोतल से फीड नहीं करवाना चाहिए।
मिथ: पोस्ट सिजेरियन के पहले 2 दिन मां ब्रेस्टफीड नहीं करवा सकती
सच: अगर आपको लगता है कि पोस्ट सिजेरियन डिलीवरी के बाद आप ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवा सकती तो आपका ऐसा सोचना गलत है। आप बिना किसी परेशानी के सर्जरी के बाद शिशु को दूध पिला सकती हैं।
मिथ: लेटकर फीड करवाना सुरक्षित नहीं
सच: बहुत से महिलाओं को लगता है कि शिशु को लेटकर फीड करवाना सही नहीं है। इससे दूध शिशु के गले में अटक सकता है वगैरह। बता दें कि शिशु को लेटकर फीड करवाना एकदम सुरक्षित है।
मिथ: ब्रेसटफीडिंग करवाने से ब्रेस्ट हो जाएगी ढीली
सच: कुछ महिलाएं यह सोचकर शिशु को दूध पिलाना जल्दी बंद कर देती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी ब्रेस्ट की शेप बिगड़ जाएगी। जबकि सच्चाई यह है कि प्रेग्नेंट होने के बाद से ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन आने लगता है। ब्रेस्टफीडिंग करवाने से इसका कोई लेना-देना नहीं है।