एक औरत ही बनी दूसरी औरत का सहारा, बचाई नवजात की जान

punjabkesari.in Thursday, Nov 25, 2021 - 06:06 PM (IST)

कहते हैं ना कि एक औरत ही दूसरी औरत का दर्द समझ सकती है। इसकी ही एक उदाहरण मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में सामने आई जहां एक महिला के लिए एक महिला ही फरिश्ता बनकर आई जिसने उसकी व उसके नवजात की जान बचा गई। 

दरअसल, एक गर्भवती महिला जिसने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। ऐसा एक महिला की मदद से ही संभव हो पाया। हुआ कुछ ये था कि प्रसव पीड़ा के चलते गर्भवती महिला को उसके घर वाले ऑटो की मदद से हॉस्पिटल लेकर जा रहे थे लेकिन ट्रैफिक जाम की वजह से वह रास्ते में ही बुरी तरह फंस गए। इसी दौरान महिला का दर्द तेजी हो गया। महिला के साथ उसकी सास व एक और रिश्तेदार महिला थी जो गर्भवती की हालत देख घबरा गईं क्योंकि महिला की हालत बिगड़ती जा रही थी। दर्द से कराह रही महिला की चीख सुनकर पास से गुजर रही एक महिला पहुंचीं। वह महिला ही गर्भवती के लिए फरिश्ता बनकर आई क्योंकि उसी महिला ने उसकी डिलीवरी ऑटो में करवाई।

PunjabKesari

गर्भवती महिला का नाम अनीता बताया जा रहा है। फरिश्ता बनकर आई महिला ने बताया कि वह दाई मां है। ऐसे में दाई मां ने ऑटो के चारों तरफ से पर्दे बंद कर प्रसव कराया। इस तरह ट्रैफिक और गाड़ियों के शोर के बीच बच्चे की किलकारी गूंजी। इस तरह जब 20 मिनट के बाद जाम खुला तो नवजन्मे बच्चे के साथ महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने दोनों का चेकअप किया और कहा कि दोनों स्वस्थ हैं लेकिन अगर दाई मां टाइम पर ना आती तो जच्चा-बच्चा दोनों की जान जा सकती थी।

PunjabKesari

ऐसे समय में अगर गर्भवती की मदद के लिए कोई ना आता तो शायद वह और बच्चा खतरे में होते। महिला ने अपना कर्तव्य समझा और हर संभव कोशिश की। महिला की मदद से ही ऑटो में उसकी डिलीवरी हो सकीं।

दाई मां दूसरे लोगों के लिए एक प्रेरणा भी बनी जिन्होंने इस मुश्किल की घड़ी में सराहनीय काम किया और लोग आज उनकी दिल से तारीफ कर रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static