वृंदावन का वह मंदिर जहां राधा बनकर खूब झूमी थी हेमा मालिनी, यहां स्वयं प्रकट हुए थे भगवान!
punjabkesari.in Tuesday, Jun 04, 2024 - 03:41 PM (IST)
मथुरा सांसद और भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी की भगवान कृष्ण में गहरी आस्था है तभी तो वह लोकसभा चुनाव के नजीतों के बीच वृंदावन में भगवान राधा रमण के दर्शन के लिए पहुंच गई। यहां उन्होंने पूजा अर्चना कर भाजपा की जीत के लिए मन्नत मांगी और भगवान से आशाीर्वाद लिया। इससे पहले भी वह श्री राधा रमण मंदिर में जबरदस्त नृत्य प्रस्तुत करते हुए अराधना कर चुकी है। चलिए जानते हैं क्या है इस मंदिर की खासियत जहां दूर- दूर से भक्त करने आते हैं दर्शन।
#WATCH Mathura: BJP MP Hema Malini performs at Sri Radha Raman Temple in Vrindavan during 'jhulan utsav' on the eve of Hariyali Teej. (02.08.19) pic.twitter.com/2Ck7F4Q6sh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 3, 2019
वृन्दावन में स्थित श्री राधा रमण मंदिर कृष्ण को समर्पित है जिन्हें यहां राधा रमण के रूप में पूजा जाता है। हर साल तीज के मौके पर यहां झूलन उत्सव का उत्सव होता है जहां सालों पहले हेमा मालिनी ने जबरदस्त नृत्य प्रस्तुत करते हुए अराधना की थी।
इस नृत्य के दौरान उन्होंने राधा का रूप अपनाया हुआ था, साथ ही हरि बोल के संकीर्तन पर उन्होंने शानदार नृत्य प्रस्तुत करके वहां मौजूद भक्तों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया था। आज भी उनकी शानदार प्रस्तुति को याद किया जाता है। वृंदावन के राधा रमण मंदिर में ठाकुर जी की मूर्ति तो एक है लेकिन उस एक मूर्ति में तीन छवि नजर आती हैं। कभी यह छवि गोविंद देव जी के समान दिखती है।
बताया जाता है कि करीब 450 साल पहले सन्त गोपाल भट्ट द्वारा प्रगट किये गए भगवान राधा रमन लाल पहले शालीग्राम भगवान के स्वरूप में थे लेकिन बाद में गोपाल भट्ट की भक्ति और उनके आग्रह पर वह राधा रमन लाल के विग्रह के रूप में आये । तभी से आज तक राधा रमन लाल तीर्थ नगरी वृन्दावन के सप्त देवालय में एक प्राकट्य देव् के रूप में पूजे जा रहे है।
माना जाता है कि राधा रमण जी के मंदिर में 500 सालों से अग्नि स्वतः ही प्रज्वलित है। कैसी भी परिस्थिति हो उस अग्नि को न प्रकृति और न ही कोई मनुष्य भुजा पाया है। आज भी राधा रमण मंदिर में ठाकुर जी का भोग उसी अग्नि पर पकाया जाता है। राधा रमण मंदिर में किसी भी कीमत पर माचिस या अन्य किसी भी ऐसी वस्तु का इस्तेमाल नहीं होता जिससे अग्नि प्रज्वलित की जा सके।