आखिर क्यों की जाती है पगफेरे की रस्म? जानिए इसके पीछे का धार्मिक महत्व

punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2024 - 06:54 PM (IST)

हिंदू धर्म में बहुत सारे रीति- रिवाज होते हैं। चाहे कोई पूजा हो या फिर शादी की रस्में, हर रिवाज में एक बहुत ही भावनात्मक पहलू होता है। ऐसी ही एक होती है शादी के बाद पगफेरे की रस्म। ये रस्म शादी के बाद लड़की के घरवालों की तरफ से निभाई जाती है। इसमें लड़की अपने माता- पिता के घर जाती है और खाना खाकर लौट आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये रस्म क्यों निभाई जाती है? अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं इसके बारे में...

पगफेरे की रस्म का क्या है धार्मिक महत्व

जब बेटी की विदाई होती है जो जाते- जाते वो अपने मायके में चावल बिखेर कर जाती है क्योंकि वो किसी और के घर की लश्र्मी बनने वाली है। ऐसे में घर की सुख- समृद्धि बनाए रखने के लिए वो ये रस्म करती है। वहीं पगफेरे के बाद दुल्हन को शादी के दूसरे ही दिन या जिस दिन विदाई होती है, उसी रात में पगफेरे के लिए अपने पीहर जाना होता है।

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लौटती है लक्ष्मी

इस रस्म का महत्व इसलिए भी है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि गई हुई लक्ष्मी जब घर वापस आती है तो अपने साथ धन और धान्य भी लेकर आती है। पगफेरे की रस्म में लड़की के माता- पिता बेटी और दामाद को बुलाते हैं और उनका अपनी क्षमता के अनुसार सत्कार करते हैं। कुछ राज्यों में इस रस्म में लड़की के भाई- बहन उसे लेने आते हैं। माता- पिता के घर में लड़की शादी के बाद पहली बार रुकती है और भोजन करती है।

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फेरा पौणा वाली रस्म

वहीं पंजाबियों में इस रस्म को फेरा पौणा (डालना) रस्म कहा जाता है। इस रस्म में बेटी शादी के ठीक दूसरे दिन या फिर विदाई के तुरंत बाद अपने मायके आती है। भाई जहां बहन को लेने जाता है, वहीं पति वापस से अपनी दुल्हन को घर ले आता है।


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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