भगवान शिव के इस अनोखे मंदिर काे बनाया था भूतों ने, चिट लिखने पर पूरी हो जाती है मनोकामना!
punjabkesari.in Friday, Nov 04, 2022 - 01:09 PM (IST)
आगरा ज्यादातर लोग सिर्फ ताजमहल का दीदार करने के लिए जाते हैं । लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी की आगरा में और भी कई दुर्लभ जगहें हैं जिसे आपको जरुर देखना चाहिए आगर आप आगरा जाने की सोच रहे हो। आईए आज आपको बताते हैं ऐसी ही एक जगह के बारे में जहां जाने पर आप रोमांच के साथ-साथ आध्यात्म का अनुभव हो सकता है। हम बात कर रहे हैं भूतों द्वारा बनाए गए 'भूतेश्वर महादेव मंदिर' की।
भूतों ने बनाया था एक रात में मंदिर
आगरा में एक जगह है बटेश्वर, इसे छोटी काशी भी कहा जाता है।यहां यमुना के किनारे 101 मंदिरों की श्रंखला है।
यहीं पर भूतों द्वारा बनाए गए 'भूतेश्वर महादेव मंदिर' का अपना ही एक दिलचस्प इतिहास है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। यहां दिन-रात अखंड ज्योति जलती है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर को रांतोरात भूतों ने बनाकर तैयार किया था। यानि रात तक जिस जगह पर कुछ नहीं था सुबह तक वहां मंदिर बनकर तैयार हो गया।
शिवलिंग को आज तक नहीं समेट पाया कोई बाहों में
मंदिर करीब 700 साल पुराना बताया जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर को भूतेश्वर नाम इसलिए दिया कि जब सुबह लोग जागे तो सड़क से कुछ दूरी पर खेत में विशाल मंदिर बना देखा। उसमें शिवलिंग और नंदी महाराज विराजमान मिले। लोगों का दावा है कि यह भूतों द्वारा रात में बनाया गया है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग को अगर कोई बाहों में समेटना चाहे तो दोनों हाथ कभी नहीं मिल पाते।
लिखित अर्जी देने पर होती है मनोकामना पूरी
लोगों का कहना है की मंदिर के अंदर कोआ हथियार लेकर नहीं जा सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो वो या तो खुद गिर पड़ता है या हाथ से हथियार छुट के गिर जाता है। वहीं मंदिर पर लिखित अर्जी देने पर हर मनोकामना पूरी होती है। वहीं इस इलाके की पहचान टूरिज्म के अलावा हेरिटेज और ईको टूरिज्म के लिए भी है। चूंकि यह इलाका चंबल और यमुना से घिरा हुआ है इसलिए यहां की चंबल सफारी पर्यटकों को लुभाती है। इलाके में कई पुराने किले भी हैं जिनका इतिहास राजा-महाराजाओं के अलावा दस्यु यानी बागियों से भी जुड़ा है। ये किले अब हेरिटेज के तौर पर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां विकसित चंबल सफारी को देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं। दूर-दूर से सैलानी चंबल पर कैमल सफारी के लिए आते हैं।