3 साल की बच्ची ने इंडियन एयरफोर्स की वर्दी में सुनाया ''शिव तांडव स्तोत्र'', देखें वायरल वीडियो

punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 02:41 PM (IST)

नारी डेस्क: राजस्थान के जोधपुर में आयोजित एक तिरंगा यात्रा उस समय एक आध्यात्मिक अनुभव में बदल गई जब मंच पर एक तीन साल की छोटी सी बच्ची ने 'शिव तांडव स्तोत्र' का तेजस्वी और ओजस्वी पाठ किया। बच्ची की आवाज, आत्मविश्वास और उच्चारण की शुद्धता ने ऐसा माहौल बना दिया कि वहां मौजूद हर व्यक्ति भावविभोर हो गया। यह दृश्य अब सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है और लोग इस पल को बार-बार देख रहे हैं।

देशभक्ति में डूबी तिरंगा यात्रा बनी भक्ति का मंच

तिरंगा यात्रा आमतौर पर देशभक्ति के गीतों, नारों और बैंड-बाजों से गूंजती है। लेकिन इस बार कुछ खास हुआ। मंच पर जैसे ही इस छोटी बच्ची ने भगवान शिव का गुणगान शुरू किया, पूरा माहौल ही बदल गया। हर तरफ सिर्फ शिवमय वातावरण बन गया।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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इस बच्ची की उम्र तो सिर्फ तीन साल थी, लेकिन जैसे ही उसने अपने पिता की गोद में बैठकर माइक संभाला और बोली,''जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले...'', तो पूरा मंच शांत हो गया। लोग मंत्रमुग्ध हो गए। बच्ची की आवाज में ओज था उसका उच्चारण बेहद शुद्ध था और आत्मविश्वास ऐसा था जैसे किसी तपस्वी की वाणी गूंज रही हो।

पिता की गोद में बच्ची, और दृश्य हुआ भावुक

बच्ची के पिता उसे पूरे समय अपनी गोद में थामे रहे। यह दृश्य भी बहुत भावुक कर देने वाला था। उस नन्हीं सी बच्ची के चेहरे के भाव, उसकी श्रद्धा और पिता का साथ ये सब मिलकर एक अविस्मरणीय क्षण बन गया। इस भावुक क्षण का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लाखों लोग इसे देख चुके हैं, और हजारों लोगों ने इसे लाइक और शेयर किया है।

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यूजर्स के कमेंट्स भी दिल छू लेने वाले हैं। किसी ने लिखा,"आज के बच्चों में ऐसे संस्कार हों, तो देश का भविष्य उज्ज्वल है।"एक अन्य यूजर ने लिखा,"जहां आज की पीढ़ी रील्स में खोई है, वहाँ इस बच्ची ने आध्यात्मिकता का परिचय दिया है।"

राष्ट्रभक्ति और भक्ति का अद्भुत संगम

तिरंगा यात्रा का यह पल ऐसा था जिसे वहां मौजूद लोग शायद जीवन भर नहीं भूल पाएंगे। इस छोटी बच्ची ने यह सिद्ध कर दिया कि भक्ति के लिए न उम्र जरूरी है, न कोई मंच बस भावना और श्रद्धा होनी चाहिए।

इस प्रस्तुति ने तिरंगा यात्रा को सिर्फ एक देशभक्ति आयोजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक पर्व में बदल दिया।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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