पेट में ही  5 महीने का बच्चे ने तोड़ दिया दम, मां ने हिम्मत दिखाकर अजन्मे को ही कर दिया दान

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 11:31 AM (IST)

नारी डेस्क: हमारे देश में आंख, किडनी और खून का दान तो आम हैपर क्या आपने कभी भ्रूण के दान के बारे में सुना है। शायद नहीं, क्योंकि हमारे देश में ऐसा कभी हुआ ही नहीं, हाल ही में एक कपल ने ये असाधारण कदम उठाकर मानवता की मिसाल पेश कर दी है। इस तरह का फैसला लेने कि हिम्मत हर किसी में नहीं हो सकती जैसी इस कपल ने दिखाई है। चलिए जानते हैं पूरा मामला।


महिला का हो गया था गर्भपात 

हम बात कर रहे हैं दिल्ली के पितमपुरा के आशिष और वंदना जैन की, जिन्होंने अपने पांच महीने के भ्रूण को एम्‍स(AIIMS) को दान कर दिया है। दरअसल 32 वर्षीय वंदना का पांचवें महीने में गर्भपात हो गया था. इस मुश्किल घड़ी में परिवार ने भ्रूण को शोध और शिक्षा के लिए एम्स को दान करने का निर्णय लिया।  भ्रूण दान सिर्फ एक मेडिकल प्रोसेस नहीं, बल्कि आने वाले समय की रिसर्च और शिक्षा का बड़ा आधार है ।


इस तरह लिया दान का फैसला

टीओआई में छपी खबर के मुताबिक आशिष ने कहा कि ये मुश्किल भरा पल था, लेकिन उनके पिता  एक बॉडी डोनेशन संगठन से जुड़े हैं, उन्‍होंने ही दान के बारे में मार्गदर्शन दिया। दधिची देह दान समिति से जुड़ने के बाद  उन्हें पता चला कि उनके  बच्चे का अल्पजीवन भी किसी के लिए अंतर ला सकता है। उनके पास हले से ही चार साल का बेटा है। 


यह सबसे छोटा बॉडी डोनेशन है

समिति के उपाध्यक्ष सुधीर गुप्ता ने बताया कि यह उनके 28 साल के इतिहास में अब तक का सबसे छोटा बॉडी डोनेशन है। उन्होंने कहा- “हमने अब तक 1,732 आंखों के डोनेशन, लगभग 550 पूरे शरीर के डोनेशन और 42 त्वचा के डोनेशन देखे हैं, लेकिन कभी भ्रूण नहीं” । उन्होंने बताया कि जैन समुदाय के 100 से अधिक परिवार समिति के माध्यम से अंग और शरीर का योगदान कर चुके हैं, लेकिन यह मामला इतिहास रचने वाला है। 


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Content Writer

vasudha

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