मां बनने के बाद शरीर में इन बदलावों का होना है आम बात! इनसे नहीं है घबराने की जरूरत

punjabkesari.in Friday, May 26, 2023 - 12:51 PM (IST)

मां बनना एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है। बेबी के आने की खबर के बाद से ही एक और जिंदगी में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। प्रेग्नेंसी भले ही बहुत प्यारा एक्सपीरियंस हो, लेकिन मां के शरीर को इसकी वजह से बहुत कुछ झेलना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के 9 महीनों में ही नहीं ब्लकि डिलीवरी के बाद पहले साल में भी शरीर के अंदर कई बदलाव आते हैं। यहां हम आपको ऐसे कुछ शारीरिक बदलावों के बारे में बता रहे हैं, जो प्रेग्नेंसी के बाद पहले साल या पहले कुछ महीनों में दिखाई देते हैं...

ब्रेस्ट साइज

डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट की शेप और साइज में बदलाव आ सकता है। प्रेग्नेंसी के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन लेवल घटने लगता है जबकि ब्रेस्टमिल्क में मदद करने वाला हार्मोन यानि प्रोलैक्टिन बढ़ जाता है। इससे ब्रेस्ट पहले से ज्यादा बड़ी दिखने लगती है। डिलीवरी के दो या तीन दिनों के अंदर ही ये बदलाव नजर आते हैं। ऐसे में आपको ब्रेस्ट छूने पर सख्त महसूस हो सकते हैं। इसके अलावा ब्रेस्ट की शेप भी हमेशा के लिए बदल सकती है। ब्रेस्ट एंगॉर्जमेंट की वजह से ब्रेस्ट की लिगामेंट ढीले हो सकते हैं जिससे ब्रेस्‍ट लटक जाती है।

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सैंडल का साइज

प्रेग्‍नेंसी में वजन बढ़ने और हार्मोनल बदलावों की वजह से जूते का साइज भी बदल सकता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्‍सटेट्रिशियंस एंड गायनेकोलॉजी के अनुसार जिन महिलाओं का नॉर्मल वजन होता है, उनका प्रेग्‍नेंसी में 11 से 16 किलो वेट बढ़ सकता है। वजन बढ़ने से पैरों पर दबाव पड़ता है जिससे पैर का आर्क फ्लैट हो जाता है।

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योनि में बदलाव

बच्चे के जन्म के बाद योनि के साइज में भी बदलाव आता है। यूके नेशनल हेल्थ सर्विस का मानना है कि ज्यादातर महिलाओं की योनि हमेशा के लिए चौड़ी हो जाती है।

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सेक्स ड्राइव

प्रेग्नेंसी के बाद कई औरतों की सेक्स ड्राइव कम होती दिख सकती है। दोबारा सेक्स ड्राइव आने में एक साल तक का समय लग सकता है। इसकी वजह से शरीर में एस्ट्रोजन के लेवल कम होने लगता है, लेकिन नवजात शिशु की देखभाल की वजह से थकान होने पर भी महिलाओं की सेक्स में रूचि कम हो जाती है।

शरीर का बल

इसके अलावा टांगों, चेहरे और बालों में भी बदलाव देखने को मिलता है। प्रेग्नेंसी में वजन से स्पाइडर वेंस हो सकता है। ये स्किन पर स्ट्रेच मार्क्‍स की तरह दिखते हैं। हार्मोंस में उतार-चढ़ाव की वजह से स्किन पैचेज, एक्‍ने या पिगमेंटेशन भी हो सकता है।

हेयर ग्रोथ

प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोंस के हाई लेवल की वजह से हेयर ग्रोथ बढ़ सकती है, लेकिन जब हार्मोंस नॉर्मल हो जाते हैं, तब शरीर से बाल भी कम होने लगते हैं।

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Content Editor

Charanjeet Kaur

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