इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, यह फेफड़ों को कर देती है डैमेज

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2024 - 09:18 AM (IST)

नारी डेस्क: संगीत की दुनिया आज उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के निधन की खबर से शोक में है, जो अब तक के सबसे महान और सबसे प्रभावशाली तालवादकों में से एक थे। उनकी मृत्यु का कारण इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस बीमारी बताई जा रही है। पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Fibrosis) एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें फेफड़ों के टिशू (ऊतक) में स्थायी रूप से जख्म या स्कार बन जाते हैं। यह जख्म फेफड़ों के लचीलेपन को कम कर देते हैं, जिससे फेफड़े ठीक से काम नहीं कर पाते। इसके परिणामस्वरूप, ऑक्सीजन का आदान-प्रदान मुश्किल हो जाता है और शरीर के अन्य अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती।

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पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण


अज्ञात कारण (Idiopathic Pulmonary Fibrosis - IPF): जो लगभग 50 फीसदी मरीजों में पाया जाता है। इस स्थिति में बीमारी का कोई स्पष्ट कारण नहीं होता। यह सबसे आम प्रकार है।  

वातावरणीय और पेशेवर जोखिम:  धूल, धुएं, एस्बेस्टस, सिलिका और मोल्ड जैसे हानिकारक पदार्थों के लंबे समय तक संपर्क में रहना भी एक बड़ा कारण है।  

ऑटोइम्यून रोग:  रुमेटॉयड आर्थराइटिस, स्क्लेरोडर्मा, और लुपस जैसी बीमारियां इस और बढ़ावा देती है।

संक्रमण और दवाइयां:   कुछ वायरस और दवाइयां, जैसे कि कीमोथैरेपी, दिल की दवाइयां या धूम्रपान और पारिवारिक इतिहास भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ा सकते हैं।  

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पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण
 
-लगातार  खांसी (सूखी खांसी)
-सांस फूलना विशेष रूप से शारीरिक गतिविधि के दौरान
-थकान और कमजोरी।  
-छाती में दर्द या असुविधा।  
-नीले होंठ और नाखून (ऑक्सीजन की कमी के कारण)।  
-वजन कम होना  बिना किसी स्पष्ट कारण के।  

 

किसे है इस बीमारी का ज्यादा खतरा


 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा अधिक होता है।  वहीं धूम्रपान करने वाले या खनन, निर्माण, या खेती जैसे कामों में लगे लोग भी इसकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं। जिनके परिवार में पल्मोनरी फाइब्रोसिस के पहले भी मरीज रह चुके है उन्हें इसका खतरा रहता है।  

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पल्मोनरी फाइब्रोसिस का इलाज

इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।  जैसे Pirfenidone और Nintedanib  दवा जो बीमारी की प्रगति को धीमा करती हैं। मरीज को सांस लेने में मदद करने के लिए ऑक्सीजन दी जाती है।  फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने और सांस फूलने को कम करने के लिए विशेष व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।   गंभीर मामलों में फेफड़े का प्रत्यारोपण (Lung Transplant) एकमात्र विकल्प हो सकता है।  

बचाव के तरीके

- हानिकारक धूल, धुएं और रसायनों से बचाव के लिए मास्क पहनें।  
-धूम्रपान छोड़ें।  
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और नियमित व्यायाम करें।  
-समय-समय पर फेफड़ों की जांच कराएं।  


पल्मोनरी फाइब्रोसिस एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर इसका पता लगने और सही इलाज से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां और अन्य उपचार अपनाना बेहद जरूरी है। यदि सांस लेने में लगातार दिक्कत हो रही हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।


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vasudha

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