रेस्टोरेंट में शौक से खाते हैं तंदूरी रोटी? खाने से पहले जान लें इसकी डराने वाली सच्चाई

punjabkesari.in Tuesday, Oct 21, 2025 - 01:25 PM (IST)

नारी डेस्क : भारत में खाने-पीने का शौक लगभग हर किसी को होता है। मसालेदार सब्जियां, गरमागरम करी और उनके साथ परोसी जाने वाली बटर लगी तंदूरी रोटी हर किसी की पसंद होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस तंदूरी रोटी को आप स्वाद के लिए खाते हैं, वही आपकी सेहत के लिए धीमा जहर साबित हो सकती है?

रोटी की किस्में और लोगों की पसंद

भारतीय भोजन में रोटी का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। सामान्यतः घरों में तवा रोटी (गेहूं की) खाई जाती है, लेकिन बाहर खाने पर लोग अक्सर तंदूरी रोटी, नान, मिस्सी या मक्का की रोटी पसंद करते हैं। इनमें से तंदूरी रोटी होटल और रेस्टोरेंट्स की जान होती है। तंदूर में पकी, कोयले की महक से भरी और बटर में डूबी हुई। पर यही स्वादिष्ट दिखने वाली रोटी आपकी सेहत के लिए कितनी खतरनाक है, यह शायद आप नहीं जानते।

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तंदूरी रोटी की सच्चाई

होटलों में मिलने वाली ज्यादातर तंदूरी रोटियां गेहूं से नहीं, बल्कि मैदे से बनाई जाती हैं। मैदा एक अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड है, जिसमें फाइबर लगभग न के बराबर होता है और यह शरीर में जल्दी शुगर में बदल जाता है। एक तंदूरी रोटी में औसतन 110 से 150 कैलोरी होती है, यानी यह वजन बढ़ाने और ब्लड शुगर असंतुलित करने दोनों में योगदान देती है।

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ब्लड शुगर लेवल बढ़ाती है

तंदूरी रोटी में इस्तेमाल किया गया मैदा हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है, जो शरीर में ब्लड शुगर को बहुत तेजी से बढ़ाता है। लगातार इसका सेवन करने से शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ सकता है और डायबिटीज का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। अगर किसी व्यक्ति को पहले से शुगर की समस्या है, तो उसे तंदूरी रोटी से पूरी तरह परहेज़ करना चाहिए। वहीं स्वस्थ लोग भी इसे कभी-कभार ही सीमित मात्रा में खाएं, वरना लंबे समय में यह भी ब्लड शुगर असंतुलित कर सकती है।

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दिल की सेहत के लिए हानिकारक

मैदा से बनी तंदूरी रोटी आपके हार्ट के लिए बिल्कुल हेल्दी नहीं होती। इसमें मौजूद रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं, जिससे ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप पहले से हृदय रोगी हैं या आपके परिवार में किसी को हार्ट की समस्या रही है, तो तंदूरी रोटी का सेवन आपके लिए बेहद जोखिम भरा हो सकता है। बेहतर होगा कि आप इसके स्थान पर गेहूं की तवा रोटी या मल्टीग्रेन रोटी को अपनी थाली में शामिल करें।

वजन बढ़ाने में योगदान देती है

तंदूरी रोटी में कैलोरी की मात्रा काफी अधिक होती है, खासकर जब उस पर बटर या घी की परत लगाई जाती है। यह संयोजन स्वादिष्ट तो लगता है, लेकिन शरीर के लिए वजन बढ़ाने वाला कॉम्बिनेशन साबित होता है। नियमित रूप से तंदूरी रोटी खाने से पेट और कमर के आसपास चर्बी जमा होने लगती है, जिससे मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और अन्य मेटाबॉलिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आप फिट रहना चाहते हैं, तो तंदूरी रोटी को केवल कभी-कभार ही स्वाद के लिए खाएं, न कि रोज़मर्रा के भोजन का हिस्सा बनाएं।

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पाचन पर बुरा असर

तंदूरी रोटी में इस्तेमाल होने वाला मैदा फाइबर रहित होता है, जिसके कारण यह कब्ज, गैस और पेट फूलने जैसी समस्याओं को बढ़ा देता है। फाइबर की कमी के चलते यह रोटी पचने में अधिक समय लेती है और पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डालती है। इसके अलावा, तंदूर में कोयले की आग पर पकाने के दौरान कार्सिनोजेनिक तत्व (Cancer causing compounds) भी बनते हैं, जो लंबे समय में शरीर के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। लगातार ऐसी रोटियों का सेवन करने से पाचन तंत्र कमजोर होता है और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

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रोटी के बिना नहीं रह सकते, तो इन विकल्पों को अपनाएं

गेहूं या मल्टीग्रेन आटे की तंदूरी रोटी बनवाएं।
बिना बटर वाली रोटी लें।
घर पर तंदूर की जगह तवे पर रोटी बनाएं।
ज्वार, बाजरा या रागी की रोटियां हेल्दी विकल्प हैं, जिनमें फाइबर और मिनरल्स अधिक होते हैं।

तंदूरी रोटी का स्वाद भले ही लाजवाब हो, लेकिन इसे रोज़ाना खाना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। यह धीरे-धीरे शुगर, दिल की बीमारियां, मोटापा और पाचन समस्याएं पैदा कर सकती है। इसलिए अगली बार जब आप रेस्टोरेंट में जाएं, तो ज़रा सोचिए। स्वाद के लिए सेहत से समझौता वाकई जरूरी है क्या?
 


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Content Editor

Monika

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