भेदभाव मत करो... दादी की इसी सीख को मानकर संदीप बख्शी ने ICICI Bank का किया कायाकल्प
punjabkesari.in Thursday, Mar 16, 2023 - 12:14 PM (IST)
देश का जाना- माना बैंक ICICI Bank जब डूबने की कगार पर था तब एक शख्स मसीहा बनकर आया था, जिसने ना सिर्फ बैंक की खोई साख को वापस दिलाया था बल्कि सैंकड़ाें लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया था। हम बात कर रहे हैं संदीप बख्शी की जिन्हें चंदा कोचर के बाद आईसीआईसीआई बैंक का नया चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बनाया गया था। उस वक्त और अब के हालातों में बेहद फर्क था।
संदीप बख्शी की मेहनत रंग लाई
जब संदीप बख्शी ने 2018 में आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाली थी तब बैंक को लेकर लोगों का भरोसा डगमगा रहा था, वहां के स्टाफ को अपने भविष्य की चिंता सता रही थी। उस समय बैंक दो साल के लोअर लेवल पर आ गया था, हालात तो यह हो गए थे कि कुछ शहरों में डिपॉजिट अमाउंट निकालने के लिए एटीएम के बाहर कतारें लगने लगी थी, संदीप बख्शी की ही मेहनत है कि आज ICICI देश की दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक है जो वित्तीय तौर पर बेहद मजबूत है और बैंक के पास पर्याप्त पूंजी मौजूद है।
जिम्मेदारी संभालते ही लिए बड़े फैसले
बैंक का पूरा कारोबार और कॉर्पोरेट कामकाज संभालते ही बक्शी ने कई बड़े फैसले लिए। संदीप बख्शी ने बेहद खामोशी के साथ अपने काम को अंजाम दिया और आईसीआईसीआई बैंक लगातार उनके नेतृत्व में सफलता की सीढ़ी चढ़ रहा है। इस मुकाम में पहुंचने के लिए कहीं ना कही उनकी दादी का भी हाथ था। संदीप बख्शी का कहना है कि पुरुष और महिला के बीच जब 70 के दशक में भेदभाव होता था, तब मेरी दादी कहती थी कि भेदभाव मत करो।
ICICI बैंक पर है ग्राहकों पर भरोसा
संदीप बख्शी ने आईसीआईसीआई बैंक के कामकाज को संभालने के लिए इसी फार्मूले का इस्तेमाल किया और यही कारण है कि आज ये बैंक भरोसेमंद संस्थान बन चुकी हे। आईसीआईसीआई बैंक के प्रमुख का कामकाज संभालने के बाद उन्होंने यह तय किया कि बैंक का उद्देश्य ग्राहक की सेवा करना होना चाहिए, इससे पहले ग्राहकों से पैसे वसूलना ICICI बैंक का प्रमुख उद्देश्य होता था। बक्शी ने उस सोच को बदलते हुए एक कोशिश की जो किसी हद तक कामयाब भी रही।
बख्शी के पास है लंबा अनुभव
बख्शी के पास मुश्किल स्थितियों से निपटने का लंबा अनुभव है। साल 1986 में संदीप बख्शी आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े। दिल्ली के उत्तरी क्षेत्रीय कार्यालय के ऑपरेशन्स डिपार्टमेंट में उन्हें ऑफिसर को तौर पर नियुक्त किया गया। उन्हें बिज़नेस डेवलेपमेंट, प्रोजेक्ट मूल्यांकन, प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग और बिज़नेस रिस्ट्रक्चरिंग की ज़िम्मेदारी दी गई। साल 1996 से उन्होंने आईसीआईसीआई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम किया है। उन्होंने जनरल इंश्योरेंस बिजनेस की 2002 में शून्य से शुरुआत कर इसे इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों में शामिल किया है।
बैंक के साथ बिताए लगभग 30 साल
2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस के दौरान उन्हें आईसीआईसीआई लोम्बार्ड से आईसीआईसीआई बैंक में डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर लाया गया था। बख्शी अगस्त 2010 से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ थे। आईसीआईसीआई लिमिटेड में 30 वर्ष से अधिक बिताने के कारण बख्शी इस पोस्ट को लंबे अनुभव के साथ संभालेंगे।