स्वच्छ भारत मिशन रिपोर्ट 2025: भारत में शहरी सफाई पर सर्वेक्षण, छोटे शहरों ने बड़े शहरों को छोड़ा पीछे
punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 03:01 PM (IST)
नारी डेस्क: हालिया सर्वेक्षण ने भारत में शहरी सफाई की स्थिति को लेकर एक चौंकाने वाला तथ्य सामने रखा है। अब यह देखा गया है कि कई छोटे शहर बड़े महानगरों की तुलना में सफाई और कचरा प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन की ताज़ा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में “टॉप 10 गंदे शहरों” की सूची में मदुरै सबसे ऊपर है, इसके बाद लुधियाना, चेन्नई, रांची और बेंगलुरु का स्थान है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दिल्ली, ग्रेटर मुंबई और श्रीनगर जैसे बड़े महानगर भी इस सूची में शामिल हैं। यह दर्शाता है कि बड़ी आबादी वाले शहरों में सफाई और कचरा प्रबंधन की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं।
छोटे शहरों में तेजी से सुधार
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि छोटे शहर, जिनके पास सीमित संसाधन हैं, वे सफाई में बड़ी तेजी से सुधार कर रहे हैं। छोटे शहरों में सफाई के लिए न केवल वित्तीय संसाधनों का सीमित होना चुनौती है, बल्कि इनके पास नागरिकों की भागीदारी और प्रशासनिक योजनाओं में निरंतरता की भी अहम भूमिका है। इसके विपरीत, बड़े महानगर कई कारणों से पिछड़ रहे हैं। इनमें तेज़ी से बढ़ती आबादी, कमजोर कचरा प्रबंधन प्रणाली, और नागरिकों में स्वच्छता के प्रति अनुशासन की कमी मुख्य कारण हैं।
साफ-सफाई केवल धन पर निर्भर नहीं
रिपोर्ट यह भी उजागर करती है कि किसी शहर की सफाई केवल वित्तीय ताकत पर निर्भर नहीं करती। सफल सफाई के लिए योजना बनाना, लगातार प्रयास और मजबूत प्रशासन सबसे जरूरी हैं। छोटे शहरों में यह देखा गया है कि कम संसाधनों के बावजूद अगर सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो सफाई में बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया जा सकता है।
शहरों में सुधार की दिशा
अधिकारियों का कहना है कि कई शहरों ने कचरा अलग करने और सफाई अभियानों में सुधार किया है। लेकिन फिर भी, अधिकांश बड़े शहरों में सफाई के स्तर अपेक्षित मानकों से काफी पीछे हैं। यह दर्शाता है कि केवल अभियान चलाने से ही सफाई नहीं सुधरती; इसके लिए नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और स्थानीय प्रशासन का मजबूत नेतृत्व जरूरी है।
भविष्य की राह
जैसे-जैसे भारत स्वच्छ और टिकाऊ शहरी स्थान बनाने की दिशा में काम कर रहा है, यह जरूरी है कि बड़े शहर छोटे शहरों से सीखें। छोटे शहर जहां नागरिक जिम्मेदारी और स्वच्छता की मिसाल पेश कर रहे हैं, वहां बड़े महानगर भी ऐसे कदम उठाएँ। केवल प्रशासनिक योजनाओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है; हर नागरिक का योगदान और जिम्मेदारी भी शहर की सफाई में अहम भूमिका निभाती है।
भारत में शहरी सफाई के मामले में बदलाव की दिशा स्पष्ट है। छोटे शहर तेजी से सुधार कर रहे हैं, जबकि बड़े शहर अपने पुराने ढर्रे और बढ़ती आबादी के दबाव में पिछड़ रहे हैं। स्वच्छ और स्वस्थ शहर बनाने के लिए आवश्यक है कि प्रशासन और नागरिक मिलकर काम करें। केवल तभी भारत के बड़े शहर छोटे शहरों की तरह स्वच्छता और कचरा प्रबंधन में उत्कृष्टता हासिल कर पाएंगे।

