डिप्रेशन के कारण सुशांत ने की सुसाइड, जानें कैसे मौत तक ले जाती है यह बीमारी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 14, 2020 - 02:34 PM (IST)

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। किसी ने सोचा भी नहीं था कि जिंदादिल व हमेशा चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेरे रखने वाले सुशांत दुनिया को ऐसे अलविदा कह जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देर रात एक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, जिसमें बताया गया कि उन्होंने आत्महत्या की थी। वह पिछले 6 महीनें से डिप्रेशन से गुजर रहे थे। हालांकि, उनके घर पर किसी भी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।

डिप्रेशन एक ऐसा डिसऑर्डर है, जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर खोखला कर देती है और उसे मौत के दरवाजे तक ले जाती है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति धीरे-धीरे अपने सोचने समझने की शक्ति खो देता है। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे धीरे-धीरे यह बीमारी व्यक्ति को मौत के दरवाजे तक ले जाती है...

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कैसे व्यक्ति को मौत के दरवाजे तक ले जाता है डिप्रेशन?

जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को डिप्रेशन कहते हैं। डिप्रेशन रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोजमर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है।

. मानसिक कमजोरी जैसे कि अपमान, भय, आत्मविश्वास की कमी, ऑफिस के कठोर नियम, ईर्ष्या, प्यार का अभाव, कोई नुकसान, प्रियजन की मृत्यु आदि डिप्रेशन का कारण होता है।
. जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन या संघर्ष के कारण व्यक्ति अवसाद का शिकार हो जाता है।
. एक ओर जहां लोगों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर रिश्तों में बढ़ता खालीपन लोगों को अवसाद की ओर धकेलता है।

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इलाज करवाने से कतराते हैं लोग

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मानसिक रोग के शिकार बहुत-से लोग इलाज करवाने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग उनके बारे में न जाने क्या सोचेंगे।

डिप्रेशन के लक्षण

. तनाव व चिंता में रहना
. नींद की कमी होना 
. उदासी व रोना
. भविष्य की चिंता में रहना 
. भूख कम या ज्यादा लगना
. जिंदगी जीने की इच्छा खत्म होना 
. सिरदर्द व पीठदर्द
. गुस्सा और हताश होना
. किसी एक चीज़ पर ध्यान न लगा पाना
. दूसरों को नजरअंदाज करना

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कैसे पाएं डिप्रेशन से छुटकारा?

1. डिप्रेशन की स्थिति से बाहर निकलने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताएं और उनके दिल की बातें करें।
2. रोजमर्रा की जिंदगी में छोटे-छोटे बदलाव लाते हुए खुद को व्यवस्थित करें।
3. नियमित व्यायाम करें क्योंकि अवसाद को दूर करने का सबसे अच्छा तरीक एक्सरसाइज है।
4. सेहतमंद और संतुलित भोजन करें क्योंकि इससे आप स्वस्थ ही नहीं रहते बल्कि मन भी खुश रहता है।
5. म्यूजिक सुनने के बाद मन फ्रेश हो जाता है इसलिए अपने पसंद का म्यूजिक जरूर सुनें।
6. अगर आप अपने मन के भाव किसी से व्यक्त नहीं कर सकते तो डायरी लिखें। इससे मन हल्का हो जाता है।
7. ऐसे समय में नकरात्मक लोगों से दूर रहना चाहिए।

ध्यान में रखें ये बात

आज के समय में लोगों के पास अपने रिश्तों के लिए समय ही नहीं है। ऐसे में धीरे−धीरे व्यक्ति को अकेलापन सताने लगता है और फिर व्यक्ति अवसादग्रस्त हो जाता है। इसलिए आप चाहे कितने भी बिजी क्यों ना हो, लेकिन परिवार, दोस्तों व करीबियों को कुछ समय अवश्य दें। इससे आप खुश रहेंगे और आपको अकेलापन नहीं सताएगा।


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Content Writer

Anjali Rajput

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