फिदायीन अटैक को लेकर अलर्ट जारी, पहले भी कई बार इस हमले से दहल चुका है हिन्दुस्तान
punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 10:57 PM (IST)

नारी डेस्क: सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पठानकोट या राजौरी में आतंकवादियों द्वारा आत्मघाती हमलों के संबंध में समाचार रिपोर्ट पूरी तरह से झूठ हैं। हालांकि इसे लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया गया था। बता दें कि फिदायीन अटैक (Fidayeen Attack) एक आत्मघाती हमला होता है, जिसमें हमलावर जानबूझकर अपनी जान की परवाह किए बिना मिशन को अंजाम देने के लिए हमला करता है। यह शब्द 'फिदायीन' अरबी भाषा से आया है, जिसका मतलब होता है "बलिदान देने वाला" या "आत्म-बलिदानी योद्धा"।
कैसे होता है ये अटैक
फिदायीन हमले में हमलावर पूरी तैयारी के साथ आता है। अक्सर बम, हथियार, ग्रेनेड आदि से लैस होता है, खुद को मारे जाने के इरादे से हमला करता है
मुख्य लक्ष्य होता है ज्यादा से ज्यादा जानमाल का नुकसान करना, खासतौर पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाना। इसमें हमलावर पीछे हटने की कोशिश नहीं करता। आतंकवादी को मरना तय होता है, पर वह मिशन में पूरी तरह डटा रहता है।हमला लंबे समय तक चल सकता है , जैसे कि गोलाबारी, ग्रेनेड हमला, घुसपैठ आदि। यह अक्सर सैन्य ठिकानों, पुलिस स्टेशनों या महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर होता है।
भारत में हुए प्रमुख फिदायीन हमले
2001 संसद हमला: जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किया गया फिदायीन अटैक।
2002 अक्षरधाम मंदिर हमला: दो हमलावरों ने मंदिर में घुसकर फायरिंग की।
2008 मुंबई हमला (26/11): कसाब समेत आतंकी आत्मघाती मिशन पर आए थे
2016 पठानकोट एयरबेस अटैक
2019 पुलवामा हमला:आत्मघाती हमलावर ने CRPF की बस में विस्फोटक भरी गाड़ी टकरा दी, जिसमें 40 जवान शहीद हुए
ऐसे हमले क्यों खतरनाक होते हैं?
हमलावर को मरने का डर नहीं होता। सुरक्षा बलों को ऐसे हमले रोकने में अधिक जोखिम होता है। नागरिकों की जान को भी भारी खतरा होता है