Indian Navy Day: देश की पहली महिला पायलट है शिवांगी सिंह, ऐसे हुई थी IAF में भर्ती
punjabkesari.in Monday, Dec 04, 2023 - 09:51 AM (IST)
महिलाएं किसी से कम नहीं है यह बात देश की कई बेटियां साबित कर चुकी हैं। फिर चाहे जहाज उड़ाना हो या देश चलाना हर किसी प्रतियोगिता में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हुई दिखती हैं। कहते हैं जब महिलाएं कुछ करने की ठान लेती हैं तो वह उस चीज को करके रहती हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला फाइटरजेट पायलेट शिवांगी सिंह की। आज भारतीय नौसेना दिवस मनाया जा रहा है ऐसे में इस खास दिन पर आपको बताते हैं कि शिवांगी है कौन है और उन्होंने एयरफोर्स में अपना करियर कैसे शुरु किया था....
वाराणसी से की है शिवांगी ने पढ़ाई
शिवांगी की शुरुआती पढ़ाई वाराणसी से हुई है। वाराणसी में कैंटोनमेंट के सेंट मेरीज स्कूल से 8वीं तक की पढ़ाई के बाद उन्होंने शिवपुर के सेंट जोजर्स कॉन्वेंट स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। शिवांगी के 12वीं 89 फीसदी नंबर आए थे। उनकी पिता के नाम कुमारेश्वर सिंह और माता का नाम सीमा सिंह है। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह के दो भाई हैं। उनके बड़े भाई का नाम मयंक और छोटे भाई का नाम शुभांशु हैं। शिवांगी की बहन का नाम हिमांशी सिंह है।
2017 में हुई थी वायुसेना में शामिल
महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच के हिस्से के रुप में शिवांगी सिंह को साल 2017 में भारतीय वायु सेना में कमीशन मिला था। वाराणसी जिले की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ट्रेनिंग के बाद अंबाला में मौजूद भारतीय वायु सेना की 17 स्कवाड्रन गोल्डन एरो में शामिल हुई। भारतीय वायु सेना में साल 2017 में शामिल होने से ही शिवांगी सिंह मिग 21 बाइसन जैसा विमान उड़ा रही हैं। वह अंबाला में भारत के सर्वश्रेष्ठ फाइटर पायलटों में से एक विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान के साथ भी रह चुकी हैं।
साल 2020 में बनी राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट
शिवांगी ने साल 2020 में चयन प्रक्रिया के बाद राफेल पायलट के रुप में चुने जाने के बाद वह राफेल उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनी। शिवांगी को स्पोर्ट्स में भी इंट्रेस्ट है उन्होंने जैकलिन थ्रो में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीता था। शिवांगी के नाना सेना में कर्नल थे तो वो एक बार शिवांगी को एयरफोर्स म्यूजियम में लेकर गए थे। इस दौरान शिवांगी ने एयरफोर्स के विमान और उनकी यूनिफॉर्म देखी थी। इसके बाद से ही उन्होंने एयरफोर्स में जाने की ठान ली थी।