केदारनाथ यात्रा को लेकर बन रहे हैं सख्त नियम, अब इन वाहनों की एंट्री हुई बैन
punjabkesari.in Friday, May 17, 2024 - 06:14 PM (IST)
उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जनपद स्थित श्री केदारनाथ धाम में कपाट खुलने के बाद मात्र सात दिनों में शुक्रवार सुबह तक एक लाख अस्सी हजार से अधिक यात्री पहुंच चुके हैं। इसके अलावा, अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम सहित, पैदल मार्ग एव रास्ते में हैं। धाम सहित यात्रा पड़ावों पर रुकने की एक निश्चित क्षमता है। जनपद में स्थित पार्किंग की भी एक निश्चित क्षमता है। इसलिए प्रशासन ने बिना पंजीकरण के आने वाले यात्री वाहनों पर के प्रवेश पर कड़ाई से रोक लगा दी है।
पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक ने बताया कि जनपद के सीतापुर व सोनप्रयाग स्थित पार्किंग में किसी वाहन की एन्ट्री हो जाने के उपरान्त, वाहन तीन दिन तक पार्किंगमें ही रहता है। पार्किंगकी एक निश्चित क्षमता होने तथा इससे निकासी काफी कम होने व बाहर से अत्यधिक संख्या में वाहनों के आने से यात्रा मार्ग पर अत्यधिक दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि वाहनों के दबाव को कम किये जाने के लिए जनपद की चौकी जवाड़ी बाई पास पर बाहर से आने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है।
बताया जा रहा है कि बद्रीनाथ धाम की तरफ जा रहे वाहनों को मुख्य बाजार, रुद्रप्रयाग होते हुए जाने दिया जा रहा है। केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले वाहनों में निर्धारित तिथि का पंजीकरण होने पर ही यात्रियों/वाहनों को जाने दिया जा रहा है। कतिपय यात्री वाहन बिना पंजीकरण के ही जनपद में आ रहे हैं ऐसे वाहनों की जनपद के केदारनाथ धाम के लिए एन्ट्री बिल्कुल बन्द कर दी गयी है तथा पंजीकरण के उपरान्त निर्धारित तिथि को ही केदारनाथ धाम यात्रा पर आने के लिए बताया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि केदारनाथ धाम जाने वाले मार्ग पर पुलिस के स्तर से यातायात को नियंत्रित करते हुए सीतापुर व सोनप्रयाग की ओर छोड़ा जा रहा है। तिलवाड़ा, काकड़ागाड़, नारायण कोटि, दगड़्या बैरियर (फाटा) शेरसी में स्थापित अस्थायी बैरियरों पर नियुक्त पुलिस कार्मिकों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित करते हुए सीतापुर व सोनप्रयाग पाकिर्ंग से हो रही निकासी के क्रम में इन स्थानों से वाहन आगे की ओर भेजे जा रहे हैं।
सीतापुर व सोनप्रयाग पहुंचे यात्रियों को शटल पार्किंग सोनप्रयाग तक भेजे जाने हेतु कतारबद्ध करते हुए शटल सेवा के माध्यम से गौरीकुण्ड व तदोपरान्त यात्रियों की सुविधानुसार, पैदल, डण्डी-कण्डी या घोड़े-खच्चर की सहायता से केदारनाथ धाम भेजा जा रहा है। केदारनाथ धाम में मन्दिर दर्शन हेतु पंक्तिबद्ध कराकर मन्दिर दर्शन कराये जा रहे हैं।