World Spine Day: दवा नहीं, नेचुरल तरीके से कंट्रोल करें रीढ़ की हड्डी का दर्द
punjabkesari.in Saturday, Oct 16, 2021 - 05:32 PM (IST)
एक ही पोजीशन में बैठे रहना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या होने लगती है, जिसे अक्सर लोग मामलू समझ इग्नोर कर देते हैं। मगर, ये समस्या धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है। यह समस्या उम्रदराज लोगों से कहीं गुना ज्यादा युवाओं में देखने को मिल रही है। शोध की मानें तो 40-45 आयु के लोगों की बजाए 60% युवाओं में गर्दन, पीठ, कमर में दर्द की समस्या अधिक देखने को मिल रही है।
रीढ़ में दर्द के 3 प्रमुख कारण हैं - काम करते हुए घंटों तक एक ही स्थान पर बैठना है, गलत पॉश्चर में लगातार बैठना और हर 1 मिनट बाद मोबाइल देखने की आदत। इसके अलावा किडनी रोग, धूम्रपान और शरीर में कैल्शियम की कमी से भी रीढ़ की हड्डी में दर्द हो सकता है। इसके कारण सर्वाइकल स्पाइन, स्लिप डिस्क, रिपिटिटिव स्ट्रेस इन्जरी, सोर बैक और लिगामेंट की चोट जैसे समस्याएं आम हो गई हैं।
रीढ़ की हड्डी में दर्द की संभावना किसको ज्यादा?
पहले यह समस्या 40-45 उम्र के बाद सुनने को मिलती थी लेकिन दिन ब दिन बिगड़ते लाइफस्टाइल के कारण आज युवा भी इसकी चपेट में है।
. जिनके शरीर में फैट ज्यादा हो और वजन भी बढ़ा हुआ है उन्हें रीढ़ की हड्डी में दर्द की संभावना ज्यादा होती है
. जो लोग फिजिकल एक्टिविटी बिलकुल नहीं करते।
. जिनकी हड्डियां पहले से ही कमजोर हैं।
. फैमिली हिस्ट्री. कोई चोट या इंफेशन
अब बड़ा सवाल है कि इससे कैसे बचें?
नियमित व्यायाम, हैल्दी डाइट से भी आप इस समस्या पर काबू पा सकते हैं।
कैल्शियम युक्त डाइट लें
अगर इसकी वजह शरीर में कैल्शियम की कमी है तो डाइट में दूध-दही, पनीर, मक्खन, डेयरी प्रोडक्ट्स, तिल, जीरा, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, सालमन फिश, संतरा आदि लें।
वॉक करें
एक्सपर्ट के मुताबिक, सिटिंग के हर घंटे बाद 6 मिनट की वॉक की जाए तो रीढ़ को नुकसान से बचाया जा सकता है। इससे मांसपेशियों व हड्डियों में की जकड़न कम होती है और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
चाइल्ड पोज योग
इससे शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ता है और रीढ़ की मसल्स स्ट्रॉंग होती है। साथ ही जांघ, कूल्हे व टखने भी मजबूत होते हैं।
ब्रिज एक्सरसाइज
रोजाना कम से कम 5 मिनट के 3 ब्रिज सेट कने से हिप्स की मसल्स स्ट्रॉन्ग होती है। ये लोअर बैक को सपोर्ट करती है और रीढ़ भी मजबूत होती है।
देसी इलाज
. नीलगिरी, लौंग या जैतून के गुनगुने तेल से मसाज करें।
. 8-10 तुलसी की पत्तियों को 1 कप पानी में उबालें। जब यह आधा रह जाए तो सेंधा नमक मिलाकर पीएं।
. रोजाना 1 गिलास हल्दी वाला दूध पीएं और भोजन में भी हल्दी का इस्तेमाल करें।
ऑफिस में काम करते समय ऐसे बैठें
. कमर सीधी रखकर बैठें, पैरों को जमीन पर ही रखें।
. अगर कुर्सी पर बैठते समय पैर हवा में लटक रहे हैं तो इससे स्पाइन पर दबाव पड़ेगा इसलिए पैर लटकाकर ना बैठें।
. पैरों को क्रॉस करके न बैठें।
. आगे की तरफ तरफ न झुकें, पूरा वजन कुर्सी के पिछले हिस्से में रखें।
अगर आप इन बातों का ख्याल रखेंगे तो रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या काफी हद तक काबू में रहेगी।