प्रेग्नेंट नीना को पत्नी बनाने के लिए तैयार थे सतीश कौशिक, अपनी दोस्त को बचाना चाहते थे तानों से

punjabkesari.in Thursday, Mar 09, 2023 - 11:29 AM (IST)

होली के अगले दिन की शुरुआत नम आंखों से हुई, क्योंकि देश ने एक लीजेंड एक्टर को खाे दिया है। हंसते- मुस्कुराते हुए जिंदगी जीने वाले सतीश कौशिक जाते-जाते सब को रूला गए। वह ऐसी शख्सियत थी जिन्होंने न सिर्फ निर्माण और निर्देशन बल्कि हास्य अभिनय और लेखन की प्रतिभा से भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। इतना ही नहीं वह दिल से भी बेहद धनी थी, ये बात नीना गुप्ता से बेहतर और कोई नहीं समझा सकता।

PunjabKesari
यह बात तो किसी से छिपी नहीं है कि सतीश कौशिक हमेशा अपने दोस्तों के लिए खड़े रहते थे। शायद यही कारण है कि जब नीना गुप्ता पर दुखों का पहाड़ टूटा तब सतीश ही उनका सहारा बने थे। बताया जाता है कि  बिन ब्याही प्रेग्नेंट नीना को समाज के तानों से बचाने के लिए सतीश उनसे शादी करना चाहते थे। उन्होंने नीना को शादी का प्रपोजल देते हुए कहा था कि- अगर उनके बच्चे का स्किन कलर डार्क होगा, तो वो नीना से पक्का शादी करेंगे। 

PunjabKesari
 सतीश ने कहा था, “परेशान मत हो, अगर बच्चा डार्क स्किन कलर के साथ पैदा हुआ, तो आप बस ये कह सकती हैं कि ये मेरा है और हम लोग शादी कर लेंगे। किसी को शक भी नहीं होगा।” एक्टर ने खुद एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि-  'हम लोग 1975 से दोस्त हैं, और तब से अब तक हमारी दोस्ती मजबूत है। हम एक दूसरे को नैंसी और कौशिकन बुलाते हैं। मैं उनके परिवार को भी जानता हूं। हम दोनों करोल बाग में आसपास ही रहते थे, दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी  साथ थे और थिएटर में भी एक्टिव थे।

PunjabKesari
 सतीश ने बताया था कि उन्होंने और नीना ने साथ में 'जाने भी दो यारो', 'मंडी' और 'तेरे संग' जैसी कई फिल्में कीं। हालांकि अपने संघर्ष में हम बिजी हो गए, लेकिन जब भी हम मिलते थे तो पुरानी यादें ताजा हो जाती थीं।' उन्होंने यह भी कहा था कि- जिस तरह नैंसी ने अपनी जिंदगी की मुश्किलों का सामना किया है, मैं इसके लिए हमेशा उनकी सराहना करता हूं। उन्होंने बहुत बहादुरी से अपनी जिंदगी की चुनौतियों का सामना किया है, खासकर तब जब वह मसाबा के वक्त प्रेग्नेंट थीं। 

PunjabKesari
एक्टर ने यह भी कहा था कि- मैं उनकी इस बात के लिए सराहना करता हूं कि एक लड़की ने शादी के बिना बच्चे को जन्म देने का फैसला लिया। उस वक्त एक सच्चे दोस्त की तरह मैं बस उनके साथ खड़ा रहा और उन्हें भरोसा दिया।मैंने उससे कहा था कि मैं हूं न तू चिंता क्यों करती है? यह सुनकर वह मुड़ी और मुझे देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए। उस दिन से हमारी दोस्ती और मजबूत हो गई' ।

PunjabKesari
बता दें कि कौशिक ने 1983 में आई फिल्म ‘जाने भी दो यारों' के संवाद लिखे और पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘कागज़' (2021) की कहानी भी लिखी। हास्य अभिनेता के तौर पर भी कौशिक ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी। वह एक फिल्म निर्देशक भी थे। उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा' से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। कौशिक ने ‘हम आपके दिल में रहते हैं' ‘हमारा दिल आपके पास है', ‘बधाई हो बधाई', ‘तेरे नाम' और ‘मुझे कुछ कहना है' जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया। ‘किसी का भाई किसी की जान' और ‘इमरजेंसी' उनकी आने वाली फिल्मों में शामिल है। 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Recommended News

Related News

static