10 में से 1 महिला को यह रोग, सारा अली खान भी इसकी शिकार
punjabkesari.in Monday, Oct 12, 2020 - 06:37 PM (IST)

पीसीओडी या पीसीओएस महिलाओं को होने वाली एक आम सी समस्या है, आज 10 में से 1 महिला इसकी शिकार है। भले ही आम समस्या, लेकिन इसके नुकसान बहुत से हैं। इस रोग का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल है जिसके चलते हार्मोंन्स गड़बड़ा जाते हैं, जिससे ओवरी में लगातार सिस्ट बनने शुरू हो जाते हैं। नतीजा शरीर मोटा, पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं महिलाएं तनाव व अन्य समस्याओं की शिकार होने लगती हैं।
सैफ की बेटी सारा भी PCOD की शिकार
सारा अली खान ने भी इस बात का खुलासा किया था कि वह PCOD की शिकार रही हैं, जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से बढ़ने लगा। उन्होंने बताया कि कॉलेज के दिनों में वह काफी मोटी थी। उनका वजन लगभग 96 किलोग्राम था लेकिन कड़े वर्कआऊट के चलते उन्होंने इससे राहत पाई।
क्या है PCOD?
जब किसी महिला की ओवरी में हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है तो ओवरी सिस्ट बनाने लगती है। जिससे ओवरी में हर महीने एग्स ज्यादा मात्रा में बनने लगते हैं, जिससे पीरियड्स की गड़बड़ी पैदा होनी शुरू हो जाती है। पीरियड्स का चक्र बिगड़ने के कारण ओवरी में अंडे जमा होने शुरू हो जाते हैं जो सिस्ट पैदा करते हैं। इन्हें दवाओं या आप्रेशन से हटाया जाता है लेकिन ऐसा रोगी की शारीरिक अवस्था पर निर्भर करता है।
PCOS क्या है?
पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिस) हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली समस्या है। यह आमतौर पर उन महिलाओं को होती है जिन्हें पीरियड्स नियमित तौर पर नहीं आते। 40 साल व डायबिटीज की शिकार महिलाओं को यह समस्या आम हो जाती है। यह प्रॉब्लम आनुवांशिक भी है।
PCOD और PCOS में फर्क ?
पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसॉर्डर ) और पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) को अक्सर लोग एक ही समस्या मान लेते हैं लेकिन दोनों में फर्क है हालांकि दोनों रोगों का संबंध महिला के ओवरी सिस्टम से होता है। दोनों ही स्थितियों में ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बनने शुरू हो जाते हैं। PCOD की समस्या हार्मोंनल इम्बैलेंस के चलते होती है। पीसीओडी की समस्या बढ़ने पर पीरियड्स में अनियमितता, वजन बढ़ने, प्रजनन क्षमता के कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है। पीसीओएस की तुलना में पीसीओडी ज्यादा आम है।
पीसीओडी के लक्षण
अनियमित मासिक धर्म
मासिक धर्म में गड़बड़ी इसका सबसे पहला लक्षण है। इसमें अनियमित मासिक धर्म, पीरियड्स का कम होना, देरी या जल्दी आना, हेवी ब्लीडिंग इसके लक्षण है।
चेहरे पर बाल उगना
इसके कारण महिलाओं के चेहरे, पेट, हाथों-पैरों की अंगुलियों पर बाल उगने लगते हैं।
बालों का झड़ना
कई बार बाल बहुत ज्यादा झड़ने लगते हैं, एक दम से गंजापन दिखाई देना भी पीसीओडी की लक्षण है।
चेहरे पर फुंसिया होना
शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन के कारण चेहरे पर मुंहासे होने लगते हैं। इस तरह की फुंसिया जल्दी ठीक नहीं होती। त्वचा पर मस्से जैसे उभार भी नजर आ सकते है ।
पेट के निचले हिस्से में दर्द
इस परेशानी में पेट के निचले हिस्से में भारीपन महसूस होना, दर्द होने लगता है। इसमें भूख की कमी भी महसूस होती है।
इन्फर्टिलिटी का भी खतरा
इस तरह की समस्या ज्यादा देर तक बनी रहे तो इन्फर्टिलिटी का खतरा हो सकता है। जिससे गर्भधारण करने में बहुत परेशानी होती है।
लाइफस्टाइल बदलें और करें बचाव
1. PCOD व PCOS, दोनों ही समस्याओं का संबंध लाइफस्टाइल से जुड़ा है। अनहैल्दी खान-पान लेने व फिटिकल एक्टिविटी कम करने वाली महिलाओं को यह जल्दी घेरे में लेती है। इसलिए हैल्दी खाएं खूब सारा पानी पीएं और हल्की फुल्की एक्सरसाइज जरूर करें।
2. PCOS का अगर सही समय पर इलाज ना किया जाए तो यह प्रेग्नेंसी में दिक्कत पैदा करता है। इस रोग से महिलाओं को कंसीव करने मेें मुश्किल आती है, वहीं इससे गर्भपात का भी खतरा बना रहता है। इस प्रॉब्लम से दूर रहने का सबसे बेस्ट तरीका अपनी डाइट में बदलाव करें।
3. कार्ब्स का सेवन बिलकुल ना करें। वेट को कंट्रोल में रखें।
4. लाइफस्टाइल बदलने पर भी फर्क ना दिखे तो डाक्टरी चेकअप जरूर करवाएं।
योग से करें PCOD दूर
इससे राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार और डॉक्टरी इलाज बेहतर हैं लेकिन कुछ योग आसन भी पीसीओडी के लिए कारगर हैं।
कपालभाती
कपालभाती प्रक्रिया सांसों के लेने और छोड़ने पर निर्भर करती है। इस योग द्वारा शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकाल कर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। पीसीओडी की समस्या से राहत पाने के लिए रोजाना कपालभाती योग करें।
पवनमुक्त आसन
पेट की किसी भी परेशानी से राहत पाने के लिए पवनमुक्त आसन बेस्ट है। पीसीओडी, पाचन क्रिया की गड़बड़ी, पीठ दर्द, तनाव, रक्त संचार बेहतर बनाने आदि जैसी परेशानियां दूर करने के लिए पवनमुक्त आसन करें।
हलासन
पीसीओडी में राहत पाने के लिए हलासन बहुत मददगार है। यह कंधों से जुड़ा हुआ आसन है लेकिन सेहत संबंधी कई तरह की परेशानियां इससे दूर हो जाती हैं।
धनुरासन
पीसीओडी का एक कारण तनाव या डिप्रैशन भी है। अगर पीसीओडी के लक्षण दिखाई दे तो यह आसन अवश्य करना चाहिए।