बड़ी बहन के होते Saif की दादी बनी थी भोपाल की बेगम, Love Marriage की लेकिन ससुराल जाने से कर दिया था इंकार

punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 09:54 PM (IST)

नारी डेस्कः ये बात तो सब जानते हैं कि बॉलीवुड के जाने-माने स्टार सैफ अली खान पटौदी खानदान के नवाब भी है हालांकि सैफ का कहना हैं कि नवाब तो सिर्फ टैग है। वैसे सैफ से ज़्यादा उनके पेरेंट्स और ग्रेंड पेरेंट्स का रुतबा रहा है। सैफ के पेरेंट्स की तरह सैफ के दादा-दादी भी अपना अलग रुतबा रखते थे। उनके दादा नवाब इफ्तिखार अली खान, पटौदी रियासत के 8वें नवाब थे और दादी साजिदा सुल्तान, भोपाल की बेगम थी। सैफ की दादी के बड़ी बहन के होते हुए उन्हें भोपाल की बेगम बनाया गया था लेकिन ऐसा क्यों हुआ था चलिए इस पैकेज में आपको बताते हैं।

सैफ की दादी साजिदा सुल्तान को बनाया गया भोपाल की बेगम

भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान थे और साजिदा सुल्तान उनकी दूसरे नंबर की बेटी थी। उनकी बड़ी बेटी का नाम आबिदा सुल्तान और सबसे छोटी बेटी का नाम राबिया सुल्तान था। नवाब की तीन बेटियां ही थी इसलिए उन्हीं तीन में से एक को भोपाल की बेगम बनना था। जहां कायदे से नवाब हमीदुल्लाह की बड़ी बेटी को भोपाल की बेगम बनना था, वहीं  हमीदुल्लाह की दूसरी बेटी यानि सैफ की दादी को भोपाल की बेगम बनाया गया। इसके पीछे भी एक कारण था। दरअसल, शादी के बाद आबिदा सुल्तान, पाकिस्तान जा कर बस गई थी। आबिदा की शादी 18 जून 1926 को कुरवाई के नवाब सरवर अली खान से हुई थी। साल 1949 में उन्होंने भारत छोड़ दिया और हमेशा के लिए पाकिस्तान चली गई। उन्होंने अपना आशियाना कराची में बनाया और सन 1954 में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। जब साल 1954 में पिता हमीदुल्लाह ने उन्हें भोपाल वापस लौटने कहा तो उन्होंने मना कर दिया था क्योंकि वह वही रहना चाहती थी। इसके बाद उनकी छोटी बहन साजिदा सुल्तान को शासक नियुक्त कर दिया गया। इस तरह साजिदा सुल्तान को भोपाल की बेगम की पदवी मिल गई।
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साजिदा सुल्तान ने पटौदी के 8वें नवाब इफ्तिखार अली खान से की शादी

साजिदा सुल्तान ने पटौदी के 8वें नवाब नवाब इफ्तिखार अली खान से शादी की। इस निकाह से उन्हें तीन बेटियां थीं- सालेहा, सबिहा, कुदसिया  और एक बेटा, क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी हुए थे। भोपाल के नवाब की बेटी साजिदा सुल्तान ने इफ्तिखार अली खान से लव मैरिज की थी लेकिन शादी के बाद साजिदा सुल्तान ने पटौदी गांव आने से इंकार कर दिया था क्योंकि यहां उनकी पसंद का महल नहीं था और बेगम को ससुराल लाने के लिए इफ्तिखार अली खान ने सफेद कोठी का निर्माण कराया गया था और वह सफ़ेद कोठी उनके प्यार की निशानी बना। उसी सफेद कोठी को अब पटौदी पैलेस कहते है और पहले  इब्राहिम पैलेस के नाम से जाना जाता था। इस पैलेस का नक्शा ब्रिटिश वास्तुकार रोबर्ट टोर रसेल ने डिजाइन किया था।
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पिता हमीदुल्लाह इस शादी के थे खिलाफ

इफ्तिखार अली खान क्रिकेटर थे और उनके खेल से ही साजिदा उनसे बेहद प्रभावित हुई थी हालांकि उनके पिता हमीदुल्लाह इस शादी के खिलाफ थे। दरअसल पटौदी तब केवल 52 गांवों की रियासत थी जबकि भोपाल बड़ी रियासत थी। साजिदा के पिता हमीदुल्लाह ज्यादा रईस थे लेकिन बेटी के  प्यार के आगे उन्हें झुकना पड़ा हालांकि हमीदुल्लाह कभी पटौदी नहीं आए थे और जब गए तो उन्हें उम्र भर का एक अफसोस रह गया।
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दरअसल, साल  1952 में इफ्तिखार अली खान का निधन हो गया था। नवाब इफ्तिखार अली खान का पोलो खेलते हुए हृदय गति रुकने से देहांत हो गया था तब भोपाल नवाब, उनकी मैयत में शिरकत करने पटौदी आए और जब उन्होंने पटौदी रियासत का रूतबा और ठाठ-बाठ देखी तो वह काफी हैरान हो गए और उन्हें इस बात का अफसोस रहा जिसे वह अपने से छोटा समझते रहे वह काफी रूतबा रखते थे। लोग आज भी बताते हैं कि वहां देश-विदेश की अनेक नामचीन हस्तियों को और पूरे पटौदी क्षेत्र को वहां उमड़ा देखकर तब हमीदुल्ला ने कहा था कि ‘जिसे वे जिंदगी भर अपने से छोटा समझते रहे, पता नहीं था कि उनका साम्राज्य देश-विदेश में फैला हुआ है और वे लोगों के दिलों में इतनी जगह बनाए हुए हैं।'
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इफ्तिखार अली खान के बाद उनके बेटे मंसूर अली खान यानी सैफ के पिता ने छोटी उम्र में ही गद्दी सम्भाली । वह नवाब तो बने लेकिन उन्होंने बहुत से उतार-चढ़ाव भी देखें लेकिन एक शेर की तरह अपनी जिंदगी शान से जी। सजीदा सुल्तान ने अपनी शादी का जो शरारा सूट पहना था वो सोने की तारों से कढ़ाई किया गया था उसके बाद यही जोड़ा शर्मिला ने पहना और आगे शर्मिला ने अपनी बहू करीना कपूर खान को दिया।
 


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Content Writer

Vandana

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