बच्चों की मेंटल हेल्थ से खिलवाड़ कर रहा है Social Media, यूके पीएम ऋषि सुनक ने उठाया अहम कदम
punjabkesari.in Sunday, Jan 07, 2024 - 03:06 PM (IST)
आजकल ज्यादातर लोग का हाथ में मोबाइल फोन नजर आता है। ये हमारे जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। ज्यादातर लोग दिनभर की भागदौड़ के बाद खुद को रिल्कैक्स करने के लिए सोशल मीडिया scroll करते हैं। खुद तो वो सोशल मीडिया इस्तेमाल करते ही हैं, साथ में बच्चों को फोन पकड़ा देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है इससे बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ये बच्चों में कई बामारियों की वजह भी बन सकता है। इसी के मद्देनजर यूके के पीएम ऋषि सुनक ने एक अहम कदम उठाया है। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ऋषि सनक के नेतृत्व वाली सरकार संभावित प्रतिबंधों सहित 16 साल से कम उम्र के बच्चों की सोशल मीडिया तक पहुंच कर कार्रवाई को लेकर विचार कर रही है। दरअसल, वो देखना चाहते हैं कि बच्चों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल से किस तरह के नुक्सान होते हैं। इसको लेकर वो जनवरी से ये स्टडी शुरु करेंगे। इस दौरान वो देखेंगे कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल से पहले और बाद में बच्चों की मेंटल हेल्थ पर कैसा असर देखने को मिलता है। वहीं कभी तक कुछ स्टडीज में ये बात सामने आई है कि बच्चे और युवा सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है...
बच्चों और टीनएजर्स पर ऐसे असर डालती है सोशल मीडिया
युवा दिमाग को रहता है सोशल मीडिया से खतरा
रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे और टीनएजर्स बहुत कम उम्र में ही मोबाइल का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। यही सबसे बड़ी समस्या है। अगर पेरेंट्स इन्हें इस उम्र तक मोबाइल से दूर रख पाते हैं तो यही सबसे बड़ा समाधान है। इस बात का ध्यान रखें कि दिमाग जितना ज्यादा युवा होगा, उसे उतना ही ज्यादा खतरा होगा। इसलिए टीनएज तक बच्चों से मोबाइल दूर रखना ही सही है।
डिप्रेशन की वजह बनता है सोशल मीडिया
एक रिपोर्ट के मुताबिक 30 फीसदी बच्चों और युवाओं में सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से डिप्रेशन और एंजाइटी होती है। यह बच्चों की सोच को पॉजिटिव रखने में दिक्कत पैदा कर रहा है। वो खुद को बुरे हालात से निपटने के लिए तैयार नहीं कर पा रहे हैं। उनमें अंदर सकारात्मक सोच की कमी हो रही है। प्यू रिसर्च सेंटर इंटरनेट का सर्वे कहता है कि 35 फीसदी टीनएजर्स सोशल मीडिया पर लगातार समय बिता रहे हैं। इनमें से 50 सोचते हैं कि वो इसे कभी भी नहीं छोड़ सकते।
मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं की वजह है स्मार्टफोन
सेपियन लैब की स्टडी में ये बात सामने आई है कि स्मार्टफोंस का इस्तेमाल करने वाले 27 हजार युवाओं पर अध्ययन किया। रिसर्च में सामने आया कि उनमें कई तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं स्मार्टफोंन के इस्तेमाल के कारण पैदा हुईं। जिन्होंने जितनी कम उम्र में स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया उनमें डिप्रेशन जैसी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स का खतरा भी ज्यादा रहता है।