शादी में अंगूठी से क्यों भरी जाती है मांग? जानिए सिंदूर दान की रस्म के बारे में
punjabkesari.in Thursday, Nov 28, 2024 - 03:24 PM (IST)
नारी डेस्क: शादी में मांग भरने की परंपरा हिंदू विवाह संस्कार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह परंपरा दूल्हे द्वारा दुल्हन की मांग में सिंदूर भरने के रूप में निभाई जाती है, जिसे सिंदूर दान कहते हैं। कुछ स्थानों पर मांग भरने के समय अंगूठी या सिक्के का उपयोग भी होता है। इसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं, चलिए जानते हैं इसके बारे में
अंगूठी या सिक्के का महत्व
अंगूठी को पवित्रता और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। सिंदूर भरते समय अंगूठी का उपयोग दूल्हे के प्यार और दुल्हन के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है। वहीं सिक्के को समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसका उपयोग यह संकेत देता है कि दूल्हा और दुल्हन का जीवन आर्थिक रूप से सुखद और स्थिर रहेगा।
सिंदूर दान का अर्थ
सिंदूर दान हिंदू विवाह में पति-पत्नी के रिश्ते की पवित्रता और स्थायित्व का प्रतीक है। सिंदूर का रंग लाल होता है, जो ऊर्जा, शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक है। दूल्हा, दुल्हन की मांग में सिंदूर भरते हुए यह वचन देता है कि वह जीवनभर उसकी रक्षा करेगा।कई जगह केसरिया रंग का सिंदूर इस्तेमाल किया जाता है।
सिंदूर भरने की परंपरा क्यों महत्वपूर्ण है?
सिंदूर शादीशुदा महिलाओं की पहचान मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि सिंदूर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद लाता है। सिंदूर में हल्दी और चूना होता है, जो मस्तिष्क को ठंडा रखने में सहायक होते हैं। मांग भरने की यह परंपरा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते को भी मजबूती प्रदान करती है। अंगूठी या सिक्के का उपयोग इसे और भी खास बनाता है, जो समर्पण और शुभता का प्रतीक है।