ग्रैमी अवार्ड मिलने के बाद भी निराश हैं रिकी केज, बोले- लता जी को Tribute ना देना गलत
punjabkesari.in Wednesday, Apr 06, 2022 - 04:58 PM (IST)
संगीतकार रिकी केज ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि एक बार ग्रैमी पुरस्कार जीतने का उनका सपना दूसरी बार साकार हो गया है। बेंगलुरु में रहने वाले केज को रविवार को लास वेगास में 'डिवाइन टाइड्स' के लिये सर्वश्रेष्ठ नयी एल्बम के ग्रैमी पुरस्कार से नवाजा गया है। इससे पहले उन्होंने साल 2015 में अपनी एल्बम 'विंड्स ऑफ समसारा' के लिये ग्रैमी अवॉर्ड जीता था।
लास वेगास से जूम कॉल पर दिये इंटरव्यू में केज ने कहा- मैंने 33 साल की उम्र में अपना पहला ग्रैमी जीता था, अब मैं 40 साल का हूं। भारतीय होने के नाते, भारत में रहकर, देश में आला संगीत तैयार करना संभव नहीं लगता था। मैंने कभी दोबारा पुरस्कार जीतने के बारे में नहीं सोचा था, क्योंकि यह असंभव था।' उन्होंने कहा, 'जब मैने पहली बार खिताब जीता था, तब सोचा था कि अब मेरा क्या लक्ष्य होगा? मैंने कोई दीर्घकालिक योजना नहीं बना रखी थी। आज जब मैंने दूसरी बार खिताब जीता तो सबकुछ सच लगने लगा है।'
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलीना में पैदा हुए केज आठ वर्ष की आयु में भारत आ गए थे। काफी कम उम्र में उन्होंने संगीत की शिक्षा हासिल की। केज ने दंत चिकित्सा की पढ़ाई करने के लिए एक कॉलेज में दाखिला लिया और साथ ही साथ पश्चिमी शास्त्रीय व भारतीय शास्त्रीय संगीत में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की।
केज ने कहा कि दूसरी बार ग्रैमी पुरस्कार जीतने पर अलग सा महसूस हो रहा है क्योंकि वह संगीतकार के रूप में परिपक्व हो चुके हैं।
वहीं ग्रैमी अवॉर्ड के इन मेमोरियम सेगमेंट में भारत की स्वर साम्रज्ञी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि नहीं दिये जाने के सवाल पर केज ने कहा- ये बेहद अनुचित था। उन्होंने कहा- , "ग्रैमी अवॉर्ड्स उन कलाकारों को सम्मानित करने के लिए ही हैं जिन्होंने पूरी दुनिया में अपना असर छोड़ा है। दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी लता दीदी को प्यार करती है, लेकिन मुझे इस बात का खेद है कि उन्हें इन ग्रैमी अवॉर्ड्स के दौरान याद नहीं किया गया।
बता दें कि दिवंगत गायिका लता मंगेशकर को 64वें वार्षिक ग्रैमी पुरस्कार के ‘इन मेमोरियम’ खंड में शामिल नहीं किया गया, जिससे उनके प्रशंसक काफी निराश हैं और कार्यक्रम की आलोचना कर रहे हैं।इससे एक सप्ताह पहले आयोजित ऑस्कर पुरस्कार समारोह के ‘इन मेमोरियम’ खंड में भी लता मंगेशकर को शामिल नहीं किया गया था।